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जैसलमेर भूमिहीनों के साथ अन्याय अस्वीकार्य, भाटी ने सदन में उठाई आवाज

विधायक छोटूसिंह भाटी ने विधानसभा में सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जैसलमेर के भूमिहीन आवेदक वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हाल ही में सरकार के उपनिवेशन विभाग ने सामान्य आवंटन की भूमि दरों में असाधारण वृद्धि कर दी है।

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विधायक छोटूसिंह भाटी ने विधानसभा में सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जैसलमेर के भूमिहीन आवेदक वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन हाल ही में सरकार के उपनिवेशन विभाग ने सामान्य आवंटन की भूमि दरों में असाधारण वृद्धि कर दी है। भाटी ने बताया कि स्थानीय भूमिहीन नागरिकों ने वर्ष 2004 में सामान्य आवंटन के लिए आवेदन किए थे। लंबे इंतजार के बाद सरकार ने 24 जून 2025 को समय-सारणी जारी कर 15 अक्टूबर 2025 तक लंबित फाइलों का आवंटन करने के निर्देश दिए। लेकिन जैसे ही प्रक्रिया शुरू हुई, विभाग ने 11 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी कर कीमतें डीएलसी दर के आधार पर तय कर दीं।

इससे एक मुरबा, जिसकी कीमत पहले एक लाख थी, 12 से 35 लाख तक पहुंच गई। वहीं प्रति बीघा दर 4 हजार से बढ़कर 50 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक कर दी गई। भाटी के अनुसार यह वृद्धि 1200 से 3500 प्रतिशत तक है, जो विशेष और नीलामी श्रेणी से भी अधिक है। इस निर्णय में न तो जनप्रतिनिधियों से राय ली गई और न ही मंत्री को विश्वास में लिया गया। विधायक ने कहा कि यह स्थानीय लोगों के साथ बड़ा अन्याय है। उन्होंने सरकार से मांग की कि 11 अगस्त का नोटिफिकेशन तुरंत रद्द किया जाए और दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। भाटी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को अवगत कराया था और मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि दशकों से इंतजार कर रहे भूमिहीन आवेदकों पर इतना भारी आर्थिक बोझ डालना अस्वीकार्य है। उम्मीद है कि सरकार संवेदनशीलता दिखाते हुए शीघ्र सुधारात्मक कदम उठाएगी।