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इन राज्यों के पर्यटन कॉरिडोर से जुडे़ंगे कूनो और गांधी सागर

MP News : टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में चीतों के विस्तार के साथ ही मप्र सरकार ने अलग से पर्यटन व वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाने पर सहमति दी है। दोनों तरह के कॉरिडोर का विस्तार कई राज्यों के बीच होगा।

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MP News : टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में चीतों के विस्तार के साथ ही मप्र सरकार ने अलग से पर्यटन व वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाने पर सहमति दी है। दोनों तरह के कॉरिडोर(Tourism Corridor) का विस्तार कई राज्यों के बीच होगा। पर्यटन कॉरिडोर कूनो व गांधी सागर को मध्यप्रदेश के अंदर सभी रिजर्व से जोड़ने के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के रिजर्वों से भी कनेक्ट करेगा, ताकि पर्यटक एक से दूसरे वाइल्डलाइफ पर्यटन स्थलों तक पहुंच आसान हो। भविष्य में चीतों को सीमाओं में बांधने की जरुरत न पड़े, वे आसानी से दूसरे राज्यों तक स्वतंत्र रूप से घूम सके, इसके लिए वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया जाएगा।

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रोड-एयर कनेक्टिविटी का रखेंगे ध्यान

कूनो(Kuno Ntional Park)से राजस्थान का रणथंभौर टाइगर रिजर्व दक्षिण-पूर्व में स्थित है और बाघों के लिए प्रसिद्ध है। जबकि मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क भी है तो उत्तरप्रदेश का रामगंगा टाइगर रिजर्व भी है। यहां भी बाघ समेत दूसरी प्रजाति के वन्यजीवों का रहवास है। विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह उक्त प्राकृतिक कॉरिडोर में चीते जैसे-जैसे भ्रमण का दायरा बढ़ाएंगे तो स्वभाविक है कि इनका कुनबा भी बढ़ेगा। ठीक इसी तरह मप्र के अंदर कूनो व गांधी सागर को कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा, पन्ना, संजय डुबरी, रानी दुर्गावती, रातापानी व माधव टाइगर रिजर्व से जोड़ा जाएगा।

दूसरे राज्यों के पर्यटन स्थलों तक सीधी कनेक्टिविटी

गांधी सागर व कूनो को रोड व एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। ऐसा केवल मध्यप्रदेश के अंदर ही नहीं होगा, बल्कि दूसरी राज्यों के वाइल्डलाइफ पर्यटन स्थलों तक भी दोनों तरह की कनेक्टिविटी( Tourism Corridor) पर फोकस होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यहां मध्यप्रदेश के अंदर एक से दूसरे रिजर्व के बीच व दूसरे राज्यों के पर्यटन स्थलों तक सीधी हवाई सेवा व रोड कनेक्टिविटी जैसी बात नहीं हो रही है, बल्कि यह प्रत्येक राज्य मिलकर कनेक्टिंग सेवाओं पर फोकस करेंगे। आने-जाने के आसान साधन होंगे, तभी पर्यटक एक से दूसरे स्थानों तक आसानी से पहुंचेंगे।

प्रदेश में पहल शुरू

दोनों तरह के कॉरिडोर को विकसित करने की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार पहले ही पहल कर चुकी है। इसी का नतीजा है कि राजस्थान व उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक विस्तृत चीता भ्रमण क्षेत्र विकसित करने की योजना है। इसमें तीनों राज्यों का वन क्षेत्र शामिल है।

संरक्षण योजना बनेगी

कूनो व गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य(Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary) के लिए चीता संरक्षण कार्य योजना बनाई जाएगी। यह टाइगर संरक्षण योजना की तर्ज पर होगी, जो आने वाले 10 वर्षों को देखते हुए बनाई जाएगी। इनमें प्रस्तावित पर्यटन व वाइल्डलाइफ कॉरिडोर को भी शामिल किया जाएगा।