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हनुमानजी का ऐसा चमत्कारी मंदिर,जहां भंडारे की बुकिंग भी 2025 तक के लिए हो चुकी है फुल

यहां से आज तक कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ वापस नहीं लौटा...

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Miraculous temple of Hanuman where devotee wishes fulfilled

Miraculous temple of Hanuman where devotee wishes fulfilled

सनातन धर्मवलंबियों के अनुसार भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार हनुमान जी के रुप में हुआ। श्री हनुमान प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं। उनकी माता का नाम अंजना (अंजनी) और उनके पिता वानरराज केशरी हैं। इसी कारण इन्हें आंजनाय और केसरीनंदन आदि नामों से पुकारा जाता है। इसके साथ ही उन्हें कलयुग का देवता भी माना जाता है। ऐसे में पूरे देश में जगह जगह हजारों की संख्या में हनुमान जी के मंदिर मौजूद है।

इनमें से उनके कुछ मंदिरों को अत्यधिक चमत्कारी माना जाता है। जहां समय पर चमत्कार होने के साथ ही भक्तों की मनोकामनाएं भी अवश्य पूरी होती है। ऐसा ही हनुमान जी का एक मंदिर देवभूमि उत्तराखंड में भी मौजूद है।

हनुमानजी का ये मंदिर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी चमत्कारों के लिए जाना जाता है। यह बात इसी रूप में स्पष्ट होती है कि इस मंदिर में भंडारा करवाने के लिए 2025 तक बुकिंग हो चुकी है।

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जी हां हम बात कर रहे हैं कोटद्वार में मौजूद श्री सिद्धबली धाम की। इस मंदिर के संबंध में बताया जाता है कि यहां से आज तक कोई भी श्रद्धालु खाली हाथ वापस नहीं लौटा। यहां प्रभु हनुमान से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है।

मनोकामना पूरी होने पर कराते हैं भंडारा...
इस मंदिर की प्रसिद्धि का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यहां जिसकी भी मनोकामना पूरी होती है, वो भंडारा कराता है और भंडारे की बुकिंग 2025 तक के लिए फुल हो चुकी है। ये बात साबित करती है कि कितने हजारों लोगों की मनोकामना यहां पूरी हुई होगी। कोटद्वार स्थित श्री सिद्धबली धाम हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं। पवनपुत्र हनुमान के इस पौराणिक मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण में भी किया गया है।

ये मंदिर खोह नदी के किनारे है। कहा जाता है कि खोह नदी में कई बार बाढ़ आई लेकिन इस मंदिर का कुछ भी नहीं बिगाड़ पाई। इस मंदिर की स्थापना की भी अलग कहानी है।

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कहा जाता है कि यहां तप साधना करने के बाद एक सिद्ध बाबा को हनुमानजी की सिद्धि प्राप्त हुई थी। सिद्ध बाबा ने उस जगह पर बजरंगबली की एक विशाल पाषाणी प्रतिमा का निर्माण किया था। इसी से इसका नाम सिद्धबली पड गया अर्थात सिद्ध बाबा द्वारा स्थापित बजरंगबली।

गुरु गोरखनाथ जी की तपस्थली...
श्री सिद्धबली धाम को गुरु गोरखनाथ जी की तपस्थली भी कहा जाता है। बताया जाता है कि पुराने वक्त में यहां सिद्ध पिंडियां मौजूद थी। 80 के दशक में मंदिर में बाबा की मूर्ति स्थापित हुई। इसके बाद ही मंदिर को संवारा गया था। ये भी कहा जाता है कि हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए इसी रास्ते गए थे। इस मंदिर में विदेश से भी श्रद्धालु घूमने आते हैं।

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मनोकामना पूरी होने के बाद श्रद्धालु इस मंदिर में ही भंडारा करवाते हैं। भंडारे के आयोजन के लिए मंदिर समिति की ओर से ही बुकिंग की जाती है। इस मंदिर के भंडारा बुकिंग काउंटर के प्रभारियों ने एक वेबसाइट को बताया है कि रविवार, मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष भंडारा होता है।

खास बात ये है कि रविवार और मंगलवार के भंडारे का आयोजन 2025 तक बुक हो चुका है। इसके अलावा शनिवार के भंडारे लिए भी 2024 तक एडवांस बुकिंग हो चुकी है। बाकी दिनों के भंडारे भी काफी लंबे समय के लिए बुक हैं।

श्री सिद्धबली धाम की महिमा देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक है। हर साल इस मंदिर में बाबा के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं। भंडारे की बुकिंग कराने वाले लोगों में विदेशों में रहने वाले भी कई लोग शामिल हैं।

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