
दमोह. जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज की सुविधाओं में प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है। आलम यह है कि गंभीर मरीज चिंहित होते ही जबलपुर रेफर किए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि गंभीर मरीजों को भर्ती न करना पड़े इसके लिए प्रबंधन ने आइसीयू में पलंग संख्या सीमित कर दी है। वर्तमान में आइसीयू में ६ पलंग रखे हुए हैं, जबकि यहां १४ बेड की यूनिट है। इधर, प्रबंधन का कहना है कि उनके पास एमडी मेडिसिन मात्र दो हैं। इनमें एक विशेषज्ञ का हार्ट का ऑपरेशन हुआ है।
साफ है कि अस्पताल में गंभीर मरीजों के लिए पर्याप्त विशेषज्ञ न होने की वजह बताकर प्रबंधन इलाज से पल्ला झाड़ रहा है। जानकारों की माने तो यह स्थिति काफी दिनों से है। यहां रोजाना आने वाले गंभीर मरीजों को सीधे जबलपुर रेफर किया जा रहा है।
-टीएमटी मशीन भी नहीं चालू
सर्दी का मौसम शुरू हो गया है। इन दिनों हार्ट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती है। हैरानी की बात यह है कि अस्पताल में सीने में दर्द होने पर जांच के लिए टीएमटी मशीन है, लेकिन इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। इससे मरीजों को बाहर से जांच करानी पड़ रही है। बता दें कि टीएमटी यानी ट्रेडमिल टेस्ट के जरिए मशीन पर मरीज को दौड़ाकर उसके दिल पर दबाव दिया जाता है। इससे उसका स्टेमिना भी पता चलता है और हार्ट पंप कितनी तेजी से काम कर रहे हैं या धड़कन का पता चलता है। इसकी रिपोर्ट से पता लगा सकते हैं कि हार्ट अटैक का कितना रिस्क है। उसके अनुसार ही ट्रीटमेंट किया जाता है।
वर्शन
आइसीयू में मेेडिसिन विशेषज्ञों की कमी है। भर्ती मरीजों के इलाज में कोताही नहीं बरती जा सकती है। इस वजह से फिलहाल बेड नहीं बढ़ा पा रहे हैं।
डॉ. राकेश राय, सिविल सर्जन
Published on:
19 Dec 2024 12:50 pm
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