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pitru paksha 2017 पितृ पक्ष में घर न आएं कौवे तो समझिये कुछ गड़बड़ है, आसपास हो सकती हैं आत्माएं

जब यमराज जीवों को 15 दिन के लिए मुक्त करते हैं तो वे अपने संबंधियों से मिलने आते हैं। पितरों को देवताओं के समान ही प्रभावशाली बताया गया हैं

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pitru paksha 2017 mahalaya gaya pitru aatma secrets in india

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जबलपुर। 6 सितंबर से श्राद्ध पक्ष आरंभ होगा और यह 20 सितंबर तक रहेगा। शास्‍त्रों की ऐसी मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में पितर यानी हमारे पूर्वज जो परलोक चले जाते हैं। जब यमराज जीवों को 15 दिन के लिए मुक्त करते हैं तो वे अपने संबंधियों से मिलने आते हैं। पितरों को देवताओं के समान ही प्रभावशाली बताया गया हैं। कहते हैं कि पितर जितनी जल्दी खुश होते हैं उतनी ही जल्‍दी नाराज होकर शाप भी दे देते हैं। पंडित सतीश शुक्ला की इन सात बातों में जानिए कहीं आपके पितर आपके आसपास ही तो नही, आखिर वे क्यों नाराज हैं और क्या कहते हैं...

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1- आमतौर पर कौओं को ही पितर का प्रतिरूप माना गया है। जो भी पितरों को पानी देते हैं वे कौओं को भोजन खिलाते हैं। शास्त्रों में भी इसका उल्लेख है, लेकिन अक्सर ये समझना की कौओं की संख्या कम हो गई है इसलिए वे भोजन के लिए नही आ रहे, सही साबित नही होता। बताया जाता है कि जब पितर नाराज होते हैं तब वे भोजन ग्रहण करने नही आते। जिससे मानवीय कष्टों में वृद्धि होती है।

२- गाय, कुत्ता, बिल्ली, कौआ इन्हें श्राद्ध पक्ष में मारना नहीं चाहिए, बल्कि इन्हें खाना देना चाहिए। अगर बार-बार कोई कुत्ता या गाय आपके दरवाजे पर आए तो ये भी एक तरह का संकेत ही होता है।

3- घर में अचानक लोगों का बीमार होना। यह स्थिति तब होती है जब पितर नाराज होते हैं। ऐसे में पितरों की पूजा करनी चाहिए और गरीबों को, ब्रह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
4- श्राद्ध पक्ष में सपने में सांप का नजर आना भी अपशकुन माना जाता है।

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5- कोई नहीं हो फिर भी किसी के होने का एहसास होना।

6- रात के समय बर्तनों का अचानक गिरना। कहते हैं कि इस तरह वे अपनी उपस्थिति का एहसास कराते हैं और उन्हें संसार से मुक्त करने के लिए कहते हैं।

7- श्राद्ध पक्ष में अगर कोई भोजन पानी मांगने आए तो उसे खाली हाथ नहीं जाने दें। कहते हैं पितर किसी भी रूप में अपने संबंधियों के बीच में आते हैं और उनसे अन्न पानी की चाहत रखते हैं।