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कर्मचारियों के एरियर भुगतान में हेराफेरी करने वाला रिकार्ड कीपर निलंबित

कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज कराने जारी किया पत्र

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कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज कराने जारी किया पत्र
शहडोल.
स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों के भुगतान में हेरफेर कर लाखों रुपए का गबन करने के साथ अपने रिश्तेदारों के खातों में रुपए भेजने वाले रिकार्ड कीपर को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। कलेक्टर तरुण भटनागर ने सतेन्द्र कुमार चक्रवर्ती रिकार्ड कीपर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारू शहडोल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। आदेश में कहा है कि निलबंन अवधि में सतेन्द्र कुमार चक्रवर्ती का मुख्यालय सिविल अस्पताल ब्यौहारी जिला शहडोल रहेगा। आदेश में कहा है कि जिला कोषालय अधिकारी शहडोल द्वारा नोट-शीट प्रस्तुत कर लेख किया गया है कि भुगतान की जांच के लिए गठित दल के जांच प्रतिवेदन के अनुसार सतेन्द्र कुमार चक्रवर्ती रिकार्ड कीपर ने स्वयं के 4 बैंक खातों एवं पत्नी छाया चक्रवर्ती (एएनएम) के 3 बैंक खातों में हेरफेर कर अन्य शासकीय सेवकों की राशि भी कूटरचित तरीके से अपने व पत्नी के खातों में अनियमित भुगतान कर शासकीय राशि 56 लाख 32 हजारी 862 रुपए का गबन करना मिला है। प्रथम दृष्टया में दोषी पाए जाने के कारण सतेन्द्र कुमार चक्रवर्ती, रिकार्ड कीपर का उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम के उल्लघंन की श्रेणी में आता है, जिस पर कलेक्टर ने कार्रवाई की है। कलेक्टर तरुण भटनागर के निर्देशानुसार संयुक्त कलेक्टर शहडोल ने सीएमएचओ शहडोल को सतेन्द्र कुमार चक्रवर्ती रिकार्ड कीपर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारू के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए पत्र भी जारी किया है।
कर्मचारियों के एरियर्स की राशि में हेरा-फेरी का आरोप

जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारू में पदस्थ रेकॉर्ड कीपर सतेन्द्र चक्रवर्ती को कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल में वेतन के देयकों का प्रभार भी सौंपा गया था। इस दौरान कर्मचारियों के एरियर्स की राशि में हेरा-फेरी का मामला उजागर हुआ था। इस पूरे मामले में संबंधित कर्मचारी पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे। वित्तीय अनियमितता के आरोपों से घिरे चक्रवती को दोबारा विभाग ज्वाइन कराने की तैयारी कर रहा था। इधर, आकस्मिक अवकाश लेने के बाद बिना सूचना डेढ़ माह से कार्यालय से अनुपस्थित स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी ने वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के बिना ही उपस्थित पंजी में हस्ताक्षर कर रहा था। पत्रिका की खबर के बाद कलेक्टर ने निलंबन की कार्रवाई
की है।