
Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand on rahul gandhi statement
Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand on rahul gandhi statement कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के संसद के विशेष सत्र में हिंदुओं को लेकर दिए बयान पर देशभर में विवाद छिड़ा है। इस मामले में अब ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन किया है। इतना ही नहीं, शंकराचार्य Shankaracharya ने इस बयान को लेकर राहुल गांधी की खिलाफत करनेवालों पर कार्रवाई की भी मांग की। एमपी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस संबंध में अपने एक्स हेंडल पर ट्वीट किया है।
संसद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुओं को लेकर दिए बयान पर जहां बीजेपी, हिंदू संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है वहीं शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती Shankaracharya ने उनका समर्थन कर दिया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने राहुल गांधी के हिंदुओं वाले बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए ट्वीट किया।
जीतू पटवारी का ट्वीट
जीतू पटवारी ने अपने एक्स हेंडल पर पोस्ट किया कि—
हमने राहुल गांधी का पूरा भाषण सुना। वे साफ कह रहे हैं कि हिंदू धर्म में हिंसा का स्थान नहीं है। #राहुल_गांधी कहीं भी हिंदू धर्म के विपरीत बात नहीं कर रहे हैं। उनके आधे वक्तव्य को फैलाना अपराध है। ऐसा करने वाले को दंडित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने ट्वीट के साथ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद Shankaracharya का वीडियो भी जारी किया। उसमें शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कह रहे हैं कि हमने राहुल गांधी का पूरा बयान देखा। उसमें हिंदू समाज के खिलाफ कुछ नहीं है। राहुल गांधी ने एक पार्टी विशेष के लिए अपनी बात कही।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी कहा है कि अगर कोई यह बात फैला रहा है कि राहुल गांधी ने हिंदुओं के खिलाफ बयान दिया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य हैं। उन्हें सन 2022 में ज्योतिर्मठ का नया शंकराचार्य बनाया गया था। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को यह दायित्व दिया गया था। वे स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य हैं और सन 2006 में दीक्षा ली थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद तभी से ज्योतिर्मठ में धार्मिक गतिविधियों की देखरेख करने लगे थे।
Updated on:
08 Jul 2024 05:59 pm
Published on:
08 Jul 2024 05:54 pm
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