21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

समाचार

किसी बात पर फूटा ऐसा गुस्सा कि हिरणों में छिड़ गई जंग, दोनों ने देर तक दिखाया दम…चांदनी रात में निकले वन्यजीव तो आए निगाह में 

कोटा. वन विभाग की ओर से क्षेत्र के जंगलों में वन्यजीव गणना सम्पन्न हो गई। वन्यजीव विभाग व मंडल वन के अंतर्गत वन क्षेत्रों मेें दिन-रात वन्यजीवों की गिनती की गई। अलग अलग क्षेत्रों में कहीं भालू तो कहीं पैंथर, कहीं जंगली सुअर नजर आए। इस दौरान वाटर हॉल्स पर आने वाले वन्यजीवों को गिना गया। इसके लिए ऊंचाई पर आवश्यकतानुसार मचानें बनाई गई, जहां से वाटर पाइंटों पर आने वाले वन्यजीवों को गिना गया। एक वाटर पाइंट के पास तो दो हिरणों में पता नहीं किरी बात पर ऐसी जंग छिड़ी कि देर उनमें झगड़ा चला।

Google source verification

कोटा

image

Hemant Sharma

May 25, 2024

कोटा. वन विभाग की ओर से क्षेत्र के जंगलों में वन्यजीव गणना सम्पन्न हो गई। वन्यजीव विभाग व मंडल वन के अंतर्गत वन क्षेत्रों मेें दिन-रात वन्यजीवों की गिनती की गई। अलग अलग क्षेत्रों में कहीं भालू तो कहीं पैंथर, कहीं जंगली सुअर नजर आए। इस दौरान वाटर हॉल्स पर आने वाले वन्यजीवों को गिना गया। इसके लिए ऊंचाई पर आवश्यकतानुसार मचानें बनाई गई, जहां से वाटर पाइंटों पर आने वाले वन्यजीवों को गिना गया। एक वाटर पाइंट के पास तो दो हिरणों में ऐसी जंग छिड़ी कि देर उनमें झगड़ा चला।

सियार, चिंकारा व दिखे भालू, पैंथर

वन्यजीव विभाग के उप वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि अभेड़ा रेंज के अंतर्गत अभेडा व उम्मेदगंज पक्षी विहार में वन्य जीव गणना कार्य किया गया। इस दौरान जिसने पैंथर, भालू, हायना, वुल्फ, सियार, खरगोश, ब्लैक बक, चिंकारा ,, सहित मगर मच्छ, नेवला आदि रेप्टाइल्स नज़र आए । रेंजर रतन लाल बैरवा ने बताया कि रेंज अधीन मनोज शर्मा, बुधराम जाट, कमल चंद, सुलेंद्र, सत्यनारायण ने गणना कार्य में भाग लिया साथ ही वन्य जीव प्रेमी कृष्णेंद्र नामा ने गणना कार्य में सहयोग किया । रेंज में गुरुवार को दिन में भी चिंकारा, सियार व सारस क्रेन समेत अन्य वन्यजीव नजर आए थे। विभाग के अंतर्गत शेरगढ़ व भैंसरोडगढ़ में भी बाघ- बघेरों की गणना की गई। शेरगढ़ मेें अलग अलग वाटर पांइटों पर 10 के करीब तो भैंसरोडगढ़ में भी एक दर्जन के करीब पैंथर नजर आए। सियार, जंगली सुअर, खरगोश, नीलगाय समेत अन्य वन्यजीवों की भी मौजूदगी देखी गई। शेरगढ़ में काले हिरण व चिंकारे भी अच्छी संख्या में देखे गए। 

यहां दिखा चिंकारों का झुंड

जंगलों मेें दिन रात हुई वन्यजीवों की गणना गुरुवार से शुरू हुई थी। पहले दिन कहीं दिन में तो कहीं चांदनी रात में वन्यजीव पानी की तलाश में जलाशयों पर दिखे। मंडल वन व वन्यजीव विभाग की विभिन्न रेंजों में वन्यजीवों की गणना की जा रही है। शहर में अभेड़ा रेंज पर दिन में ही वन्यजीवों ने वाटर पॉइंटों पर दस्तक देना शुरू कर दिया। रात तक अलग-अलग वाटर पॉइंटों पर 40 के करीब चिंकारे, भेडिए व करीब इतने ही खरगोश नजर आए। जंगली सुअर व नीलगायों की चहलकदमी भी देखी गई। भैंसरोडगढ़ में दिन में ही पैंथर नजर आ गया। वनकर्मी पैंथर को देखकर रोमांचित हो उठे। अन्य रेंजों में भी कहीं भालू तो कहीं नीलगाय व अन्य वन्यजीव नजर आए। कर्मचारियों के अनुसार अधिकतर वन्यजीव शाम को ही निकलते हैं। इससे पहले विभाग की ओर से सुबह 8 बजे गणना शुरू हुई। कैमरों की मदद भी ली गई।

बनाए गए थे वाटर पाइंट

विभाग की ओर से तीनों रेंजों पर 48 वाटर पाइंट बनाए गए थे। प्रत्येक पाइंट पर दो लोगों को गणना के लिए लगाया गया था। विभाग के अनुसार अक्सर वन्यजीव रात को पानी पीने के लिए जलाशयों पर आते हैं, इसे देखते हुए 24 वाटरपाइंटों पर आने वाले वन्यजीवों की संख्या के आधार पर जंगल में मौजूद वन्यजीवों की स्रंख्या का अनुमान लगाया जाता है। वन्यजीव विभाग की 3 रेंजों अभेड़ा, शेरगढ़ व भैंसरोडगढ़ में 48 वाटर पॉइंट व मंडल वन के तहत लाडपुरा, मंडाना, मोड़क, कनवास, सुल्तानपुर, इटावा व खातौली रेंज में 26 वाटर पॉइंटों पर वन्यजीवों की गणना की। वन्यजीव विभाग के तहत रेजों पर 48 व मंडल वन में 26 वाटरपाइंट बनाए गए। विभाग के अधिकारियों के अनुसार विभिन्न रैंजों की रिपोर्ट के आधार पर कम्पाइल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस बार दो वर्ष बाद वन्यजीवों की गणना की गई है। पहले बारिश के कारण गणना नहीं हो सकी थी।