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रेत उत्खनन में खिलवाड़, मानपुर में खोद दिया गहरा गड्ढा, मौहरी में नदी के बीचोंबीच बना दी सड़क

मानपुर और मौहरी रेत खदान में ठेकेदार कर रहा नियमों की अनदेखी

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अनूपपुर. जिले में नियमों को ताक पर रखकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। रेत ठेकेदार द्वारा एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन करते हुए बीच धार में मशीन लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। इतना ही नहीं रेत निकासी के लिए नदी के स्वरूप में बदलाव करते हुए बीच धार तक अस्थायी सड़क बनाकर भारी वाहनों को ले जाया जा रहा है। मुनाफे के लिए मनमर्जी पूर्वक नदी की धार को परिवर्तित कर दिया गया है। रेत खदान का ठेका लेने के बाद किस तरह से रेत ठेकेदार के द्वारा मनमानी की जा रही है यह मानपुर और मौहरी रेत खदानों में देखने को मिला। मानपुर रेत खदान में ठेकेदार ने नदी के बीचों-बीच गहरा गड्ढा खोद दिया है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। 2 वर्ष पूर्व जिला मुख्यालय में इसी तरह के गड्ढे के कारण तीन युवकों की मौत डूबने से हो गई थी। इसी तरह मौहरी रेत खदान में भी ठेकेदार ने मनमानी पूर्वक नदी के बीचों-बीच रेत परिवहन के लिए रास्ते का निर्माण कर दिया गया है जिसके कारण नदी की जलधारा पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई है।

अभी तीन खदानों का संचालन हुआ शुरू

अनूपपुर जिले में रेत खदानों का नया ठेका होने के पश्चात अभी तक नौ रेत खदानों की नीलामी हुई है। इनमें से वर्तमान समय में तीन रेत खदान संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें जिला मुख्यालय में मानपुर रेत खदान, मौहरी रेत खदान एवं कोतमा के समीप चंगेरी रेत खदान को प्रारंभ किया गया है। शेष 6 रेत खदान अभी भौतिक रूप से संचालित नहीं हुई हंै। जो खदान संचालित हो रही हंै वहां ठेकेदार द्वारा मनमानी करते हुए पर्यावरण नियम की अनदेखी तथा नदी के भौतिक स्वरूप को परिवर्तित करते हुए रेत का उत्खनन किया जा रहा है।

उमरिया के हलफल व भादर नदी से भी हो रहा रेत का अवैध उत्खनन

उमरिया जिले के ग्राम पंचायत पड़वार के आसपास की दो नदियों हलफल व भादर में काफी समय से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। कई बार इसकी शिकायत ग्रामीण जनों एवं क्षेत्र वासियों ने कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, खनिज विभाग एवं अनुविभागीय अधिकारी से की, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कुछ समय पहले ग्राम पंचायत पड़वार के सरपंच, उप सरपंच एवं पंचों ने आवेदन देकर कहा था कि अगर रेत का अवैध उत्खनन नहीं रोका गया तो हम सब पंचायत प्रतिनिधि अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद कुछ दिन तक रेत का अवैध उत्खनन बंद रहा, लेकिन बाद में फिर उसी तरह खुलेआम उत्खनन शुरू हो गया। इस भीषण गर्मी में जहां जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए नदी का रुख करते है एवं मवेशियो को भी पानी के लिए दर - दर भटकना पड़ रहा है। आसपास के कई गांवों में पानी की समस्या बनी हुई है और वाटर लेवल धीरे धीरे नीचे जा रहा है। दूसरी ओर नदियों में जल के प्रवाह से छेड़छाड़ की जा रही है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से रेत के अवैध उत्खनन पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।