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अध्यापिकाओं को सिखाए जाएंगे कराटे मार्शल आर्ट के गुर ताकि बालिकाओं को कर सके आत्मरक्षा के लिए निपुण

-रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

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अध्यापिकाओं को सिखाए जाएंगे कराटे मार्शल आर्ट के गुर ताकि बालिकाओं को कर सके आत्मरक्षा के लिए निपुण

अनूपगढ़. शिविर में भाग लेतीं अध्यापिकाएं।

अनूपगढ़. राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 2 में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 7 दिवसीय रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का सोमवार को शुभारंभ किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 10 एलएम के की प्रधानाचार्य सुधा शर्मा उपस्थित रहीं। शिविर में 70 प्रभागियों ने पंजीकरण कराया है। जिन्हें आगामी 7 दिनों तक अगले सात दिनों तक आत्मरक्षा के विभिन्न पहलुओं को सिखाया जाएगा। यह 70 प्रतिभागी अनूपगढ़ ब्लॉक की उच्च माध्यमिक विद्यालयों की अध्यापिकाएं है, जो इस शिविर से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने अपने विद्यालय में बालिकाओं और अध्यापिकाओं को प्रशिक्षण देगी। यह शिविर विशेष रूप से बालिकाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है, ताकि वे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में अपनी सुरक्षा कर सकें। मुख्य अतिथि सीबीईओ पंकज जांगिड़ ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए संबोधित किया। सीबीईओ जांगिड़ ने कहा कि शिविर का निरीक्षण भी किया जाएगा।

बढ़ रहे अपराध के बीच बालिकाओं का सशक्त होना आवश्यक

उन्होंने कहा कि बढ़ रहे अपराधों के बीच आज के समय में बालिकाओं का आत्मनिर्भर और सशक्त होना अत्यंत आवश्यक है। आत्मरक्षा की यह तकनीक न केवल उनकी सुरक्षा में सहायक होंगी, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ाएंगी। उन्होंने समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत इस प्रकार के कार्यक्रमों की सराहना की और इसे बालिकाओं के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। शिविर में प्रशिक्षण के लिए कुशल प्रशिक्षकों को आमंत्रित किया गया है। केआरपी के रूप में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय 12 एबी की सुनीता भुंवाल और गंगा रानी द्वारा प्रतिभागियों को आत्मरक्षा की विभिन्न तकनीकें सिखाई जाएंगी। इस प्रशिक्षण में मार्शल आट्र्स, कराटे, और अन्य रक्षा तकनीकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो किसी भी प्रकार की अप्रिय परिस्थिति में बालिकाओं को आत्मसुरक्षा के लिए तैयार करेंगे। शिविर के पहले दिन प्रतिभागियों को आत्मरक्षा के मूलभूत सिद्धांतों से परिचित कराया गया। इसके बाद, उन्हें विभिन्न प्रकार की सरल लेकिन प्रभावी तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया, जिन्हें वे बिना किसी उपकरण के भी इस्तेमाल कर सकती हैं। पहले दिन के शिविर के अंत में प्रधानाचार्य शसुधा शर्मा ने भी बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा, "रानी लक्ष्मीबाई की वीरता और साहस हमें सिखाता है कि आत्मरक्षा के गुण हर स्त्री के जीवन का अभिन्न हिस्सा होने चाहिए। यह प्रशिक्षण शिविर बालिकाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है, जहां वे न केवल शारीरिक रूप से मजबूत होंगी, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनेंगी।