हाल ही में वन अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराए गए जंगलों में फिर अतिक्रमण की कोशिश शुरू हो गई है। टाकलखेड़ा बीट में अतिक्रमणमुक्त जंगल में बोवनी कर रहे अतिक्रमणकारियों को रोकने गए वन अमला हमले का शिकार हो गया। घटना शुक्रवार सुबह 10 बजे की है। अतिक्रमणकारियों द्वारा पत्थर और गोफन से किए हमले में एक चौकीदार घायल हुआ है। मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी ने पिपलौद थाने में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, आमाखुजरी में वन अमले क सामने ही अतिक्रमण हो रहा है, लेकिन मौके पर मौजूद अमला कुछ कर नहीं पा रहा है।
अब बारिश होते ही एक बार फिर वन अतिक्रमणकारी सक्रिय हो गए है। शुक्रवार को परिक्षेत्र के टाकलखेड़ा बीट के कक्ष क्रमांक 741 में पोखर नाले के पास वन अतिक्रमणकारी जंगल में बोवनी कर रहे थे। इस बात की जानकारी मिलने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी नरेंद्र पटेल मय बल मौके पर पहुंचे। यहां वन अतिक्रमणकारियों को वन अमले ने बोवनी करने से रोकने की कोशिश की। जिस पर वन अतिक्रमणकारियों ने पत्थर और गोफन से हमला कर दिया। हमले में चौकीदार राज पिता जगदीश गवली घायल हो गया। इसके बाद वनपरिक्षेत्र अधिकारी सहित अमले ने पेड़ों की आड़ लेकर अपने आप को बचाया और जैसे तैसे वहां से निकलकर अपनी जान बचाई।
शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज
घटना के बाद वनपरिक्षेत्र अधिकारी नरेंद्र पटेल, दीपेंद्र कुमार श्रीवास वन परिक्षेत्र सहायक कुमठा, संजय धात्रक बीट गार्ड टाकलखेड़ा, बाबू पिता रूपचंद वन चौकीदार टाकलखेड़ा घायल चौकीदार राज को लेकर पिपलौद थाने पहुंचे। यहां वन परिक्षेत्र अधिकारी की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी भारत उर्फ भायटा पिता नरसिंग बारेला, सुभाष उर्फ सुबला पिता रूपसिंग बारेला, खना पिता नानसिंग बारेला सभी निवासी डेहरिया व 8-10 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया। घटना के बाद सारे हमलावर अतिक्रमणकारी भाग निकले।
बेबस वन अमला, होते देख रहा अतिक्रमण
पिछले दिनों जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के संयुक्त ऑपरेशन के तहत गुड़ी वन परिक्षेत्र के आमाखुजरी से 250 हेक्टेयर जंगल अतिक्रमण मुक्त कराए गए थे। यहां भी वन अतिक्रमणकारी फिर लौट आए है। शनिवार सुबह टाकलखेड़ा की घटना के बाद भी वन अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद थे। आमाखुजरी में कक्ष क्रमांक 748 में वन अतिक्रमणकारियों ने मुक्त कराई गई जमीन पर खुलेआम बोवनी कर रहे थे। यहां वन विभाग का अमला पहुंचा, लेकिन अतिक्रमणकारियों की संख्या 300 से ज्यादा होने और अमले में महज 40-50 का बल होने से बेबस होकर अतिक्रमण होते देखते रहे। वन परिक्षेत्र अधिकारी ने पुलिस को सूचना भी दी, लेकिन पुलिस का कहना था कि कोई घटना नहीं हुई है, इसलिए केस दर्ज नहीं कर सकते। देर शाम तक अमला पुलिस का इंतजार करता रहा, फिर वापस लौट आया।
हम क्या कर सकते हैं
टाकलखेड़ा में हुए हमले की शिकायत हमने दर्ज करा दी है। आमाखुजरी में वन अतिक्रमणकारी कब्जा कर रहे है, लेकिन हमारे पास बल पर्याप्त नहीं होने के कारण कार्रवाई नहीं कर पा रहे। पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस भी नहीं आई।
नरेंद्र पटेल, वन परिक्षेत्र अधिकारी गुड़ी