
चेन्नई. विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि तमिलनाडु उन सात राज्यों में शामिल है, जो केंद्र की पुनरोद्धार वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत एक भी स्मार्ट मीटर लगाने में विफल रहे हैं। नाइक के अनुसार अब तक देश में आरडीएसएस के तहत स्वीकृत लक्ष्य 20.33 करोड़ में से 99 लाख स्मार्ट मीटर (4.89 प्रतिशत) लगाए जा चुके हैं।
राज्य सभा में एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि विद्युत मंत्रालय विभिन्न वितरण कपनियों द्वारा स्मार्ट मीटरों की स्थापना की प्रगति की नियमित निगरानी कर रहा है तथा उन्नत मीटरिंग अवसंरचना सेवा प्रदाता (एएमआईएसपी) के बीच कार्यान्वयन संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए कार्रवाई कर रहा है। तमिलनाडु उन सात राज्यों में शामिल है जिन्हें अभी तक इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।
आरडीएसएस के अंतर्गत 28 राज्यों को 20.33 करोड़ स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए गए तथा 21 राज्यों को 11.90 करोड़ मीटर लगाने के लिए ठेके दिए गए। केवल 18 राज्यों ने 99.51 लाख स्मार्ट मीटर लगाए हैं। तमिलनाडु, जिसे 3.04 करोड़ स्मार्ट मीटर (सबसे अधिक मंजूरी) मंजूर किए गए थे, ने राज्य में मीटर लगाने के लिए एएमआइएसपी नियुक्त करने का ठेका नहीं दिया है।
तमिलनाडु पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड के सूत्रों ने बताया कि स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए जल्द ही नए टेंडर जारी किए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि स्मार्ट मीटर के लिए बोली की ऊंची कीमत के कारण टेंडर जारी किया गया है। हम जल्द ही नए टेंडर आमंत्रित करेंगे।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटरिंग, वितरण कपनियों को बिलिंग और संग्रहण दक्षता में सुधार, स्वचालित ऊर्जा लेखांकन, बेहतर लोड पूर्वानुमान, अनुकूलित बिजली खरीद लागत और नेट मीटरिंग के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण जैसे लाभों के माध्यम से उनकी वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार करने में सहायता करती है। आरडीएसएस के तहत स्मार्ट मीटरिंग को एएमआईएसपी के माध्यम से टोटेक्स (कुल व्यय) मोड में लागू किया जा रहा है जिसमें वितरण उपयोगिताओं को अग्रिम पूंजीगत व्यय करने और एएमआईएसपी को प्रति माह प्रति मीटर लागत का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होती है। घाटे को कम करने और बिजली खरीद अनुकूलन में सुधार करने से बिजली की खपत को कम करने में मदद मिलेगी।
Published on:
12 Feb 2025 05:01 pm
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