
बृजेश कुमार तिवारी
नरसिंहपुर. स्कूलों का सेशन पूरा हो चुका है और ताले पड़ गए हैं, लेकिन स्टेट टॉपर नरसिंहपुर जिले में पढ़ाई की छुट्टी नहीं हुई है। बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी होमवर्क दिया गया है। बच्चे पढ़ाई करते हैं और परिवार की उनकी सेहत और खुराक का ध्यान रखता है। यह फार्मूला किसी एक-दो स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले के सरकारी स्कूलों की ऐसी ही कहानी है। कमजोर परीक्षा परिणाम को समस्या नहीं, बल्कि शिक्षक चुनौती की तरह लेते हैं और उससे बाहर निकलने का माद्दा भी रखते हैं।
इसी का उदाहरण है जबलपुर संभाग के सबसे पिछड़े ब्लॉक में शुमार चीचली का। इस ब्लॉक के दुर्गम इलाके में आने वाले आदिवासी ग्राम बड़ागांव में आवागमन सबसे कठिन है, बिजली का भी हाल बेहाल है, लेकिन शिक्षा का उजियारा ऐसा फैला कि पूरे जिले में इसकी चर्चा हो रही है। बड़ागांव का परीक्षा परिणाम शून्य पर आ गया। बच्चों के साथ अभिभावकों में निराशा भर गई और वे पढ़ाई छोड़ बच्चों को घरेलू काम में खपाने की तैयारी करने लगे, लेकिन शिक्षकों ने हार नहीं मानी, हर बच्चे की मॉनिटरिंग कर उसकी कमजोरी को परखा। पढऩे के लिए टाइम टेबल और खाने तक की खुराक निर्धारित की। पहल रंग लाई और तीन साल में यह गांव शून्य से 71 फीसदी परिणाम देने वाला बन गया। शिक्षा का यह मॉडल नरसिंहपुर के हर जिले में लागू है, यही वजह है कि जिला 5, 8, 10 और 12वीं के रिजल्ट मेे पिछले दो साल से प्रदेश में टॉप पर बना हुआ है। शिक्षकों का प्रयास और बच्चों की मेहनत का नतीजा यह है कि जिले में किसी स्कूल का रिजल्ट शून्य नहीं है, जबकि 10वीं और 12वीं के दो दर्जन सरकारी स्कूल ऐंसे हैं जिनका 100 फीसदी रिजल्ट है। रिजल्ट में सरकारी स्कूलों ने महंगी फीस वसूल रहे प्राइवेट स्कूलों को भी पीछे छोड़ दिया।
डोर टू डोर फोकस :
दो साल पहले शुरू किए गए इस मॉडल में जिला शिक्षा अधिकारी ने गणित और विज्ञान के उन विशेषज्ञ शिक्षकोंं पर फोकस किया जो अन्य विभागों में जिला मुख्यालय पर अटैच थे। कलेक्टर के सहयोग से ऐसे 22 शिक्षकों की मूल स्कूल में वापसी कराई। जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे या दीगर कामों में लगे थे उनको स्कूल वापस लाने के लिए शिक्षकों को घर-घर भेजा। शिक्षकों को पांच-पांच बच्चों के माता-पिता से काउंसलिंग करने की जिम्मेदारी दी। इन्होंने इनसे बार-बार काउंसलिंग की और इसका नतीजा यह हुआ कि जहां स्कूलों में उपस्थिति 30-40 फीसदी थी यह बढ़कर 80-90 तक पहुंच गई।
कोर्स का रिवीजन और टेस्ट :
बच्चों की पढ़ाई समय पर कराने के लिए हर ब्लॉक स्तर पर कोर्स का रिवीजन किया। हर कोर्स का मासिक टेस्ट कराया। हर तीमाही के रिजल्ट का रिवीजन कर कमजोरी को समझा और उस पर फोकस किया। बच्चों को रिजल्ट के आधार पर ए, बी और सी ग्रेड मेे बांटा। जिन स्कूलों और बच्चों का रिजल्ट कमजोर दिखा उनके लिए स्कूल समय से पहले और बाद में एक-एक घंटा की विशेष कक्षाएं लगाईं। ए ग्रेड के बच्चों को सी ग्रेड से बच्चों से जोड़ा और बी ग्रेड के बच्चों को होम वर्क पर कार्य करने को कहा।
टाइम मैनेजमेंट:
बच्चों की पढ़ाई के लिए सालभर की प्लांनिग तैयार की गई, जिसमें पढ़ाई से लेकर डाइट तक को शामिल किया गया। सुबह तीन घंटे पढ़ाई के निर्धारित किए गए। हर शिक्षक को चार बच्चों के ग्रुप को सुबह चार बजे फोन कर उठाने की जिम्मेदारी दी गई। शाम को हल्की डाइट देने की सलाह दी, जिसका बच्चों ने जिम्मेदारी से पालन किया। बच्चों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए पांच साल के पेपर और प्री बोर्ड पेपर हल कराए। पेपर में समय कम न पड़े या बच्चे घवराएं नहीं इसके लिए टाइम से पेपर हल कराने की प्रेक्टिस कराई और हर शनिवार तिमाही कोर्स का विषयवार टेस्ट कराया।
बच्चों को दूसरे स्कूलों में अटैच किया:
जिले के दूर दराज और आदिवासी क्षेत्र में जहां सुविधाएं कम थी और विशेषज्ञ शिक्षक नहीं थे वहां के बच्चों को क्षेत्र के दूसरे स्कूलों में अटैच कर उनके रहने और खाने की व्यवस्था सरकारी हॉस्टलों में कराई। बच्चों को पढ़ाने के लिए खेतों से पकडकऱ स्कूलों में लाए। इसमें अभिभावकों का भी सहयोग लिया और उनको पढ़ाई के महत्व को समझाया।
यह बोले डीईओ
नरसिंहपुर जिला पिछले दो साल से बोर्ड परीक्षाओं में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है। पढ़ाई के लिए सालभर की प्लानिंग तैयार की। 2023 दिसम्बर में विधानसभा चुनाव के समय पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए विशेष प्लान बनाकर समय से पहले कोर्स पूरा कराया और चुनाव में बच्चों ने रिवीजन किया। शिक्षकों पर अपना पूरा योगदान दिया और बच्चों ने मन लगार पढ़ाई की। सभी के प्रयास से यह नतीजा संभव हो सका।
एचपी कुर्मी, जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर
़100 फीसदी रिजल्ट- कुल
10वीं -18 स्कूल 80.51 फीसदी
कक्षा लड़की लड़का कुल
़10वी 6679 6434 13113
प्रथम- 4429 3234 7666
द्वितीय- 1195 1667 2862
तृतीय- 5 25 30
पूरक- 616 481 1097
फेल- 1034 1025 2059
कक्षा लड़की लड़का कुल
12वीं 5794 5441 11235
प्रथम- 4141 2960 7101
द्वितीय- 808 1262 2070
तृतीय- 5 6 11
पूरक- 428 481 964
फेल- 412 677 1089
Published on:
03 Jun 2024 11:53 am
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