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दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होगा या नहीं, बता देगा अल्ट्रा ब्लड टेस्ट

समय पर जानकारी मिलने से बचाई जा सकेगी लाखों महिलाओं की जान

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लंदन. ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने अल्ट्रा ब्लड सेंसिटिव टेस्ट की खोज की है। इस एडवांस टेस्ट से पहले ही ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाएगा। यह बताएगा कि ब्रेस्ट कैंसर को हरा चुके मरीज को भविष्य में फिर ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है या नहीं। इससे ट्रीटमेंट पहले ही शुरू कर लाखों महिलाओं की जान बचाई जा सकती है।द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक नया टेस्ट ट्यूमर के डीएनए के निशान की पहचान करता है। सर्कुलेटिंग ट्यूमर नाम का यह डीएनए कैंसर सेल्स जारी करता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि ब्रेस्ट कैंसर दोबारा होने से पहले इन निशानों का पता लगाया जा सकता है। मुख्य शोधकर्ता डॉ. इसहाक गार्सिया-मुरीलास के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर सेल्स सर्जरी और दूसरे ट्रीटमेंट के बाद भी शरीर में बनी रह सकती हैं। स्कैन में इनका पता नहीं चल पाता। इलाज के कई साल बाद ये सेल्स कैंसर के दोबारा उभरने का कारण बन सकती हैं।

लंदन की 78 महिलाओं पर किया परीक्षण

लंदन में इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने अलग-अलग तरह के ब्रेस्ट कैंसर वाली 78 मरीजों का परीक्षण किया। इनमें से 11 महिलाओं में सर्कुलेटिंग ट्यूमर डीएनए पाया गया। इन सभी को दोबारा ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। बाकी महिलाओं में किसी को दोबारा कैंसर नहीं हुआ। अल्ट्रा ब्लड टेस्ट के जरिए लक्षण दिखने से 15 महीने पहले ही कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

भारत में 2.16 लाख महिलाएं चपेट में

ब्रेस्ट कैंसर की मरीज महिलाएं दुनियाभर में बढ़ रही हैं। भारत के ग्रामीण और शहरी इलाकों में 2022 तक करीब 2.16 लाख महिलाएं इसकी चपेट में थीं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 2020 में ब्रेस्ट कैंसर के 1,78,361 मामले सामने आए। इस बीमारी की मरीज 1990 से 2016 तक 39.1त्न बढ़ चुकी थीं। देर से कैंसर का पता चलने से जोखिम बढ़ जाता है।