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ग्रामीण बस पकड़ने जाते दूर हाईवे पर, ट्रेन के लिए आबूरोड जाने को मजबूर

किवरली के ग्रामीणों ने परिचर्चा कार्यक्रम में लोकल ट्रेन संचालन की मांग उठाई

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आबूरोड. किवरली में परिचर्चा कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीण।

आबूरोड. किवरली में परिचर्चा कार्यक्रम में मौजूद ग्रामीण।

आबूरोड. कोविड काल में बंद की गई अहमदाबाद-जयपुर लोकल ट्रेन के पटरी पर नहीं लौटने से सिरोही व पाली दो जिलों के छोटे स्टेशनों से यात्रा करने वाले ग्रामीणों को गत 5 साल से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के सामने इस लोकल ट्रेन का कोई विकल्प भी नहीं है, इसके बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही। प्रभावित ग्रामवासियों की संया सैंकड़ों में नहीं बल्कि हजारों में हैं।

आबूरोड से करीब 12 किलोमीटर दूर रेलमार्ग से जुड़े किवरली गांव में राजस्थान पत्रिका की ओर से सोमवार को परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें ग्रामीणों ने बंद लोकल ट्रेन से हो रही दिक्कतों पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए और ट्रेन का संचालन शुरू करने की पुरजोर मांग की। यहीं नहीं उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में किवरली रेलवे स्टेशन अधीक्षक को उत्तर-पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक के नाम ज्ञापन भी सौंपा।

ग्रामीणों के लिए बड़ा सहारा थी लोकल ट्रेन :

परिचर्चा कार्यक्रम में ग्रामीणों ने कहा कि पांच साल से बंद अहमदाबाद-जयपुर लोकल ट्रेन हमारे लिए बड़ा सहारा थी। ट्रेन बंद होने से गांव से काफी दूर हाइवे पर रोडवेज बस या निजी वाहन पकड़ने जाना पड़ रहा है। पूर्व में अपराध की घटनाएं होने से रात में तो जाने में डर लगता है। मजबूरी में एक्सप्रेस ट्रेन पकड़नी हो तो किराया लगाकर आबूरोड जाना पड़ता है। व्यावसायिक कार्यों में परेशानी हो रही है। जोधपुर-साबरमती डीएमयू ट्रेन का समय ऐसा है कि उसकी कोई उपयोगिता नहीं है। अहमदाबाद-जयपुर लोकल ट्रेन चलने के दौरान किसी काम के लिए पूरा दिन मिल जाता था। ग्रामीणों ने कहा यह ट्रेन शुरू हो जाए तो सोने पर सुहागा है। परिचर्चा कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षक पन्नालाल पुरोहित, नारायणलाल पुरोहित, भैराराम प्रजापत, ज्वारिंगराम पुरोहित, मातादीन प्रजापत, आनंदसिंह वाघेला, पिंटू भाई समेत ग्रामीण मौजूद थे।

स्टेशन अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन

परिचर्चा के कार्यक्रम के बाद ग्रामीण किवरली स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने स्टेशन अधीक्षक रमेश हिंगोरानी को उत्तर-पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में बताया कि कोरोना काल में बंद की गई अहमदाबाद-जयपुर पैसेंजर गाड़ी के कारण आम जनता, मजदूर वर्ग को काफी परेशानी हो रही है। किवरली के ग्रामवासियों की मांग है कि जनहित में इस पैसेंजर गाड़ी का शीघ्र संचालन शुरू किया जाए। हस्ताक्षरित ज्ञापन में रतनसिंह गुर्जर, पन्नालाल पुरोहित, वीरसिंह गुर्जर, हेमराज, भगाराम, अंकित राजपुरोहित, कृपालसिंह देवड़ा, विष्णु गुर्जर, कमलेश, विक्रम कुमार आदि ग्रामीण मौजूद थे।

इनका कहना

सरकार एक्सप्रेस ट्रेनों का बेड़ा बढ़ा रही है। कम से कम चालू लोकल ट्रेनों को तो बंद नहीं करें। इससे ग्रामीणों के साथ श्रमिक व आसपास नौकरी करने वाले कर्मचारी परेशान हो रहे हैं। छोटे एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की यात्रा सुविधा और बेहतर करनी चाहिए।

भंवरसिंह देवड़ा (76), किवरली

बस के लिए हमें दो-तीन किलोमीटर दूर हाइवे पर जाना पड़ता है। कोविड में बंद लोकल ट्रेन शुरू होने से यह समस्या नहीं रहेगी। सुरक्षित यात्रा संभव होगी। रेलवे का राजस्व बढ़ेगा। अभी तो हम बहुत परेशान हैं।

ज्वारिंगरराम पुरोहित (86), किवरली