25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भिलाई

Watch video.. बीएमएस की मान्यता खत्म, समस्या यथावत, ठीकरा फोड़ा बीएसपी प्रबंधन पर

भिलाई स्टील प्लांट में 2 साल तक भिलाई मजदूर संघ (बीएमएस) मान्यता में रही। बीएसपी के 12 हजार कर्मियों का प्रतिनिधित्व किया। भिलाई से लेकर दिल्ली में होने वाली नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की बैठक तक में प्रतिनिधित्व मिला। इसके बाद भी बहुत से अहम विषयों को अंजाम तक पहुंचाने में यूनियन को सफलता नहीं मिली। यूनियन इसका ठीकरा बीएसपी प्रबंधन पर फोड़ती है। इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार बीएसपी प्रबंधन को मानती है। पिछले 12 माह से प्रतिनिधि यूनियन के साथ बीएसपी प्रबंधन ने बैठक ही नहीं की। तब कर्मियों की समस्याओं को प्रबंधन के सामने किस तरह से रखा जा सकता है।

Google source verification

भिलाई

image

Abdul Salam

Sep 25, 2024

बीएमएस ने 2022 में यूनियन चुनाव लड़ा और जीता। 23 सितंबर 22 को बीएसपी की प्रतिनिधि यूनियन के तौर पर मान्यता मिली। 23 सितंबर 24 को मान्यता समाप्त हो गई। अब चुनाव को लेकर दूसरी यूनियन की ओर से प्रबंधन को पत्र सौंपा जा रहा है। ताकि प्रबंधन जल्द चुनाव को लेकर पत्र एएलसी केंद्रीय, रायपुर से प्रक्रिया शुरू करने पहल करे। कर्मियों ने बीएमएस पर भरोसा पिछले चुनाव में इस वजह से किया था, क्योंकि केंद्र में सरकार Bharatiya Janata Party भारतीय जनता पार्टी की तब भी थी। उम्मीद थी कि बीएमएम आसानी से कर्मियों की मांगों को पूरा करवाने में सफल होगा।

घोषणा पत्र में इन विषयों को किया था शामिल

बीएमएस ने चुनाव के दौरान घोषणा पत्र में यूनियन ने कर्मियों के सामने जिन मुद्दों को सामने रखा। इसमें वेतन समझौता, 39 माह का एरियर्स, तबादला किए गए दोनों युवा कर्मियों को वापस लाना, 1 लाख करोड़ टर्न ओवर होने पर 50 ग्राम सोना हर कर्मचारी को, ग्रेच्युटी से सीलिंग हटवाना, वाहन लोन दिलाने, अधिकारियों की तर्ज पर कर्मियों को फर्नीचर अलाउंस दिलाने रिटेंशन स्कीम को 9 लाख से घटाकर 5 लाख करने, हर मकान के छत पर पानी टंकी लगवाने की बात कही थी।

प्रयास करने में नहीं छोड़ी कोर-कसर

प्रतिनिधि यूनियन रहते हुए बीएमएस ने शुरू से ही दूसरे प्लांट में भेजे गए कर्मियों को वापस लाने की बात को केंद्र के नेताओं व बीएसपी-सेल प्रबंधन के सामने रखा। इसके अलावा वेतन समझौता और अन्य विषयों को लेकर पूरे कार्यकाल के दौरान जूझते ही रहे। मान्यता खत्म होने से चंद दिनों पहले केंद्रीय इस्पात मंत्री भिलाई प्रवास पर पहुंचे। तब भी यूनियन ने बीएसपी कर्मियों को वापस लाने के विषय में ज्ञापन सौंपा। यूनियन का कहना है कि बायोमैट्र्कि मशीन उनके मान्यता में आने के पहले से ही लगना शुरू हो गया। उनके कार्यकाल में इसे शुरू किया गया है। इसके लिए बीएसपी प्रबंधन ने प्रतिनिधि यूनियनों से किसी तरह का कोई सहमति पत्र नहीं लिया। बीएसपी उच्च प्रबंधन पिछले 9 माह से कोई बैठक तक नहीं बुलाया है।

कर्मियों की समस्याओं का निराकरण करने प्रबंधन नहीं दिया साथ

बीएमएस के महामंत्री चिन्ना केशवलू ने बताया कि बीएसपी कर्मियों की समस्याओं को दूर करने के लिए जब भी प्रयास किया गया। बीएसपी प्रबंधन ने सिर्फ आश्वासन दिया है। प्रबंधन अगर साथ देता, तो सारे मामले हल हो जाते। https://www.patrika.com/bhilai-news/bsps-recycling-plant-is-locked-19010814