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हर स्त्री के होते हैं चार पति, आपका है चौथा नंबर जानिए कैसे

हर स्त्री के होते हैं चार पति, आपका है चौथा नंबर जानिए कैसे

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Tanvi Sharma

Sep 08, 2018

pati

हर स्त्री के होते हैं चार पति, आपका है चौथा नंबर जानिए कैसे

जब एक लड़का और लड़की विवाह बंधन में बंधने जाते हैं तो सबकी ख्वाहिश होती है की जिससे उसकी शादी हो रही है वो पूरे तन-मन-धन से उसी का रहे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपसे शादी करने से पहले ही आपकी पत्नी अन्य तीन लोगों से शादी कर चुकी है। जी हां आप भले ही अपनी कुंवारी लड़की से शादी करें लेकिन आपकी शादी होने से पहले वह तीन बार शादी के बंधन में बंध जाती है। लेकिन यह कैसे संभव है हम आपको बताते हैं कि आखिर आपसे शादी से पहले कौन हो चुके होते हैं उनके पति और किन तीन लोगों से शादी कर चुकी होतीं हैं महिलाएं।

दरअसल, पंडित के द्वारा पढ़े जा रहे मंत्रों का अर्थ सही तरह से जानने पर आपको पता चलेगा कि शादी के समय जब आप मंडप में बैठे होते हैं, तो आप से पहले किसी भी दुल्हन का अधिकार तीन लोगों को सौंपा जाता है। विवाह प्रणाली में फेंरो के समय जो मंत्रोचार किए जाते हैं, उनमें आपकी होने वाली पत्नी को आपसे पहले से इंद्र, चंद्रमा और मित्र वरुण के साथ शादी करनी होती है। इस तरह महिला के पहले पति इंद्र, चंद्रमा और वरुण होते हैं, फिर वर का नंबर आता है।

क्यों करवाए जाते हैं चार विवाह

दरअसल वैदिक परंपरा के अनुसार एक महिला को चार पति रखने का अधिकार दिया गया है। लेकिन इससे समाज में फैलती अव्यवस्था को देखकर ऋषि श्वेतकेतु ने इस रिवाज को शुरू किया कि विवाह के दौरान महिला का विवाह देवों से करा दिया जाए। इससे उनके 4 पतियों की पत्नी होने का अधिकार भी सुरक्षित रहेगा और समाज में व्यवस्था भी बनी रहेगी। तब से यह प्रथा शुरु हुई जिसके कारण हर पुरुष अपनी पत्नी का चौथा पति होता है।

ऐसे शुरू हुई विवाह सुधार प्रथा

दरअसल, वर्तमान विवाह प्रणाली के निर्माता उद्दालक ऋषि के पुत्र श्वेतकेतु थे। एक पौराणिक कथा के अनुसार, ये आर्यवर्त के प्रथम समाज सुधारक थे। उस समय महिला और पुरुष को यौन संबंधों के मामले में मिली आजादी पर इन्होंने ही प्रतिबंध लगाया और एकल पत्नी-पति विवाह की प्रथा को जन्म दिया। वैदिक परंपरा को जीवित रखने के लिए महिला का विवाह तीन देवताओं से करा दिया जाता है। इसमें सबसे पहले किसी भी कन्या का पहला अधिकार चन्द्रमा को सौंपा जाता है, इसके बाद विश्वावसु नाम के गंधर्व को और तीसरे नंबर पर अग्नि को कन्‍या का अधिकार सौंपा जाता है। आखिर में कन्‍या का अधिकार उसके पति को सौंपा जाता है। तो अब आपको पता चल गया न कि आपसे पहले भी आपकी पत्‍नी के तीन पति और मौजूद हैं।