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Year Ender 2020: साल खत्म होने से पहले यूपी में टूट गए ये 10 रिकॉर्ड

locationनोएडाPublished: Dec 27, 2020 11:51:28 am

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-वर्ष 2021 शुरू होने में कुछ ही दिन हैं
-उत्तर प्रदेश में 2020 में कई रिकॉर्ड टूटे

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क

नोएडा। वर्ष 2020 खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं। इस वर्ष में जहां एक तरफ लोगों को कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा तो वहीं भीषण गर्मी और अब शीतलहर ने भी लोगों का हाल बेहाल कर दिया। इस बीच आज हम आपके लिए 10 ऐसे रिकॉर्ड लेकर आए हैं जो इस वर्ष में बने हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-
एमएलसी में चुनाव में भाजपा ने तोड़ा रिकॉर्ड

मेरठ-सहारनपुर शिक्षक खंड के विधान परिषद चुनाव 2020 में इतिहास रचा गया। भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा ने जीत हासिल कर पूरे 48 साल से कायम रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस सीट से आठ बार के विजेता रहे दिग्गज ओमप्रकाश शर्मा को उन्होँने पराजित किया।
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उपचुनाव में नौगावां सीट पर मतदान का रिकॉर्ड

मताधिकार का प्रयोग करने के मामले में नौगावां सादात विधानसभा सीट के मतदाता काफी जागरूक हैं। इसकी बानगी 2017 और 2020 उपचुनाव में हुआ मतदान है। उपचुनाव में भी यहां के मतदाताओं ने 62 प्रतिशत मतदान कर खुद को अव्वल साबित किया है। वर्ष 2017 में सामान्य विधानसभा चुनाव में हुए मतदान में नौगावां सादात विस क्षेत्र के मतदाताओं ने रिकार्ड 75.47 प्रतिशत मतदान कर रिकार्ड कायम किया था। यह मतदान प्रतिशत प्रदेश की किसी सीट पर सबसे अधिक था।
सहकारी ग्रामीण विकास बैंक चुनाव में भाजपा की ऐतिहासिक जीत

उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों के चुनाव में 2020 में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के तीन दशक के राजनीतिक वर्चस्व को तोड़ दिया है। इस चुनाव में बीजेपी ने 323 शाखाओं में 293 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके साथ ही बैंक के सभापति पद पर भाजपा का कब्जा किया। वर्ष 1998 और 1999 के बाद यह दूसरा मौका है, जब बैंक की प्रबंध समिति में भाजपा का दबदबा रहेगा। बताया जाता है कि इससे पहले कभी किसी एक दल की इतनी बड़ी जीत नहीं हुई है।
लॉकडाउन के बावजूद टूटा चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड

लॉकडाउन के बावजूद उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड टूट गया। 13 मई, 2020 तक कुल 121.68 लाख टन चीनी उत्पादित हुई जो अब तक सर्वाधिक है। वर्ष 2017-18 में सबसे अधिक 120.8 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। गन्ना आयुक्त संजय आर भूडरेड्डी ने बताया कि कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा में चीनी मिलों का संचालन प्रभावित नहीं हो पाने से गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन में कीर्तिमान बनाने में कामयाबी मिली। नई व्यवस्थाओं के चलते किसानों को गत सत्र की तुलना में अधिक व व्यवस्थित ढंग से पर्चियां मिल पायीं। गत पेराई सत्र में 5.5 करोड़ गन्ना पर्चियां जारी की गईं थीं।
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गन्ना किसानों को एक साथ 1 लाख करोड़ का भुगतान

योगी सरकार ने तीन वर्षों में गन्ना किसानों का एक लाख करोड़ से ज्यादा पैसा भुगतान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर गन्ना किसानों का बकाया पैसा ऑनलाइन से भुगतान किया। यह यूपी में किसी सरकार द्वारा किसानों का 1 लाख करोड़ से ज्यादा भुगतान करने का अब तक का रिकॉर्ड बताया गया है। समाजवादी पार्टी की सरकार में 5 साल में 95 हज़ार 215 करोड़ का भुगतान किया गया था।
धान खरीद का रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश में धान खरीद को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में तैयार हुई योजना असरदार साबित हुई है। इस योजना के चलते ही राज्य में अब तक 6,95,819 किसानों से 3729751.124 मीट्रिक टन धान खरीदा गया। जबकि बीते साल 16 दिसंबर तक 3,15,866 किसानों से धान की खरीदा गया था। इस प्रकार बीते साल के मुकाबले अब तक दोगुने से अधिक किसानों से सरकार ने धान खरीद कर अपना ही रिकार्ड तोड़ा है। राज्य सरकार ने पिछले चार साल में प्रदेश के धान किसानों को 31904.78 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। प्रदेश में धान किसानों को सबसे अधिक भुगतान का यह एक रिकार्ड है।
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सरकार ने गरीबों के इलाज में आर्थिक मदद देने का तोड़ा रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश की आम जनता को कैंसर व हृदय रोग जैसी तमाम गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मदद देने में योगी आदित्यनाथ सरकार ने नया कीर्तिमान रच दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से गरीबों व असहायों को दी जाने वाली मदद का रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। महज तीन वर्षों में 58 हजार से अधिक लोगों की मदद करने वाले वह प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। इसके अलावा कन्या सुमंगला व मुख्यमंत्री समूहिक विवाह योजना भी गरीबों के लिए सहारा बनी है। सीएम योगी ने वर्ष 2017 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें 2020 तक 105427 जोड़ों के विवाह पर पांच अरब खर्च किए जा चुके हैं। पिछली सपा सरकार पांच सालों में महज 45 हजार लोगों की मदद तक ही सिमट के रह गई थी।
गर्मी का रिकॉर्ड

मई में गर्मी के बढ़ते कहर ने पिछले 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। इस दौरान कूलर और एसी भी लोगों को गर्मी में राहत देने से नाकाम होते दिखाई दिए। मई माह में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। न्यूनतम तापमान भी 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पिछले साल 26 मई को अधिकतम तापमान 38.8 और न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा था।
शीतलहर का रिकॉर्ड

पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर प्रदेश के मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। पछुआ हवा चलने के कारण ठंड बढ़ गई है। दिन में धूप निकल रही, लेकिन उसमें भी तपिश नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो से तीन दिन तक ठंड का प्रकोप इसी तरह से बना रहेगा। इस बार 3.4 डिग्री सेल्सियस के तापमान के साथ बरेली जिला यूपी में इस सीजन का सबसे ठंडा स्थान रहा। बरेली के बाद मेरठ दूसरा और देश का आठवां सर्वाधिक ठंडा शहर रहा। 40 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ जब मेरठ इतना ठंडा रहा।
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1976 के बाद हुई सबसे ज्यादा बारिश, टूटा 44 साल का रिकॉर्ड

इस वर्ष जुलाई के दौरान औसत से करीब 10 फीसदी कम बारिश हुई, जबकि अगस्त में 44 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। अगस्त में औसत से 25 फीसदी ज्यादा बारिश हुई, जोकि महीने के दौरान 1976 के बाद सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड है। एक अगस्त से 28 अगस्त तक 296.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि महीने के दौरान औसत बारिश 237.2 मिलीमीटर होती है।
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