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आलोक सिंह बने नोएडा के पहले पुलिस कमिश्‍नर, जानिए क्‍या फर्क पड़ेगा

Highlights गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में लागू हुई पुलिस कमिश्‍नरी प्रणाली गौतम बुद्ध नगर में अब पुलिस कमिश्‍नर का ऑफिस बनेगा अब पुलिस पर नियंत्रण का अधिकार आईपीएस का होगा

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नोएडा। एडीजी आलोक सिंह को गौतम बुद्ध नगर (Noida) का पहला पुलिस कमिश्‍नर नियुक्‍त किया गया है। इसके साथ ही नोएडा में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली की भी शुरुआत हो गई है। इस व्‍यवस्‍था के लागू होने के बाद पुलिस के अधिकारों में बढ़ोतरी हुई है।

कानून व्‍यवस्‍था में और सुधार की उम्‍मीद

नया सिस्‍टम लागू होने के बाद कानून व्‍यवस्‍था में और सुधार की उम्‍मीद जताई जा रही है। साथ ही इससे यातायात व्‍यवस्‍था पर भी फर्क पड़ेगा। इससे जनता को काफी राहत मिलेगी। गौतम बुद्ध नगर में अब पुलिस कमिश्‍नर का ऑफिस बनेगा। माना जा रहा है सूरजपुर पुलिस ऑफिस में नए पुलिस कमिश्‍नर का कार्यालय होगा। एडीजी स्‍तर के सीनियर अधिकारी को इस पद की कमान मिलती है। नए सिस्‍टम के तहत जिले को कई जोन में बांटा जाएगा। हर जोन में एक डिप्‍टी कमिश्‍नर (डीसीपी) तैनात किया जाएगा। डिसीपी एसएसपी की तरह जोन की कानून-व्‍यवस्‍था देखेंगे। दो से चार थानों पर एसीपी तैनात किए जाएंगे, जो सीओ की तरह होंगे।

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जिला प्रशासन के अधिकार मिले

भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के तहत डिस्‍ट्र‍िक मजिस्‍ट्रेट (डीएम) के पास पुलिस पर कंट्रोल करने के अधिकार भी होते हैं। अब नया सिस्‍टम लागू होने के बाद पुलिस पर नियंत्रण का अधिकार आईपीएस का होगा। इससे पुलिस आयुक्‍त और उपायुक्‍त को जिला प्रशासन से संबंधित कई अधिकार मिल जाएंगे। डीएम के पास अटकी रहने वालीं अनुमति की कई फाइलों के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नई प्रणाली में पुलिस कमिश्‍नर को शांति व्‍यवस्‍था, गुंडा, गैंगस्‍टर, अनैतिक व्‍यापार, पशु क्रूरता, विस्‍फोटक, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम सहित 15 अधिनियमों में मजिस्‍ट्रेट की तरह कार्रवाई करने के अधिकार होंगे।

लाठीचार्ज का आदेश दे सकेगी पुलिस

बताया जा रहा है कि अतिक्रमण हटवाने के लिए कमिश्‍नर सीधे आदेश दे सकेंगे। शहरी इलाकों को अतिक्रमण मुक्‍त करने के लिए कमिश्‍नर सीधे नगर निगम को आदेश दे सकेंगे। साथ ही धरने प्रदर्शन की अनुमति भी पुलिस ही दे सकेगी। पहले इसके लिए जिला प्रशासन से परमीशन लेनी होती थी। बवाल या दंगे के दौरान लाठीचार्ज या बल प्रयोग करने का निर्णय भी अब पुलिस के हाथ में होगा। अभी तक इसका फैसला जिला प्रशासन के हाथ में होता था।

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यह है वजह

नियम के अनुसार, 10 लाख से ज्‍यादा आबादी वाले शहरों में पुलिस कमिश्‍नर प्रणाली लागू हो सकती है। 2011 में गौतमबुद्धनगर की आबादी 16 लाख 48 हजार हो चुकी थी। पुलिस के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। बदमाश हाईटेक तरीके से क्राइम कर रहे हैं। यातायात व्‍यवस्‍था भी लोगों के लिए सिरदर्दी बनी हुई है।