दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट के वकील असित नोएडा के सेक्टर-50 में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका परिवार कोरोना संक्रमण का शिकार है और उनकी देखभाल के लिए छोटा भाई विष्णु यहां आया था। जानकारी के अनुसार सोमवार को अचानक असित की तबितयत खराब हो गई और उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। विष्णु ने बिना देरी किए ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल ले जाने के लिए एक प्राइवेट एंबुलेंस को फोन किया और अस्पताल तक मरीज को ले जाने की बात कही। थोड़ी देर में एंबुलेंस पहुंची, लेकिन शारदा में बेड खाली नहीं होने के कारण वह सेक्टर 137 से वापस मुड़कर नोएडा के प्रकाश हॉस्पिटल की तरफ जाने लगे। लेकिन वहां पर भी उन्हें बेड नहीं मिला। जिसके बाद वह ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित यथार्थ अस्पताल चले गए।
विष्णु ने बताया कि उनके कई अस्पतालों के चक्कर काटने से लेकर यथार्थ में भर्ती होने तक एंबुलेंस का मीटर 25 किमी चला। इस दौरान एंबुलेंस चालक ने उनसे 44 हजार रुपये की मांग की। जिसे सुनकर उनके होश उड़ गए। उनकी काफी बहस हुई। जिस पर एंबुलेंस चालक ने 2000 रुपये कम करने की बात कहते हुए 42 हजार रुपये देने को कहा। भाई की तबियत खराब थी इसलिए जल्दी में थे तो मजबूरन पैसे देने पड़े। उन्होंने 25 किलोमीटर के लिए 40 हजार रुपये पेटीएम के माध्यम से और 2 हजार रुपये कैश दिए। बाद में इसकी जानकारी उन्होंने नोएडा पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर दी।
मामले की जानकारी देते हुए गौतमबुद्ध नगर के ट्रैफिक डीसीपी गणेश शाहा ने बताया कि फोन पर शिकायत मिली थी कि एक एंबुलेंस चालक ने मरीज से 42 हजार रुपये लिए हैं। एंबलेंस का नंबर ट्रैक करके उनकी जानकारी ली गई और चालक को बुलाया गया। जिस पर चालक ने अपनी गलती मान ली है। उसने कहा कि वह विष्णु को वापस रुपये करेगा। पुलिस एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई भी करेगी। अगर कोई एंबुलेंस चालक अधिक पैसे मांगता है तो 9971009001 नंबर पर शिकायत की जा सकती है।