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आम्रपाली बायर का दर्द: 8 साल बाद न घर मिला न पैसा, इलाज बिन पति की मौत

अपने पति का इलाज कराने के लिए महिला ने सड़कों पर भी उतरकर बिल्डर और सरकार से गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

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Amprapali Buyer

नोएडा। एक सपनों का घर और जिसमें आठ साल के बेटे और पत्नी के साथ आराम से रहा जा सकेगा। फिर न ईएमआई का झंझट होगा और न ही रेंट देने का। बस इसी सपने को अपने साथ लेकर आम्रपाली ड्रीम वैली में घर बुक कराने वाले योगेश कुमार इस दुनिया को अलविदा कह गए।

दरअसल, योगेश कुमार अभी तक अपने परिवार के साथ एक किराए के मकान में रहते थे और उन्होंने साल 2009 में आम्रपाली ग्रुप के ड्रीम वैली प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था। जिसका पजेशन 2012 में दिया जाना था लेकिन बिल्डर ने उन्हें न उनका घर दिया और न ही पैसा।

इसी दौरान वह ए प्लास्टिक एनिमिया नामक गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो गए और इलाज के लिए पैसे नहीं होने पर इसी साल नवंबर महीने में उनकी मौत हो गई। योगेश की पत्नी कविता सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार बिल्डर से संपर्क करने की कोशिश की और अपने पैसे पति के इलाज के लिए वापस मांगने चाहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

यदि बिल्डर समय रहते उनके पैसे वापस कर देता तो आज उनके पति की जान बच जाती। उन्होंने बताया कि मेरे पति हमेशा से चाहते थे कि हम हमारे बेटे के साथ अपने खुद के घर में रहें इसलिए ही हमने आम्रपाली बिल्डर के प्रोजेक्ट में घर बुक कराया। लेकिन अभी तक हमें न तो घर ही मिला और न ही हमारे पैसे वापस मिले। यदि अब बिल्डर घर या पैसे देता भी है तो क्या मेरे पति की इच्छा पूरी हो सकेगी?

इलाज में देरी होने के कारण हुई पति की मौत
कविता ने बताया कि मेरे पति को पहले ब्रेन हैमरेज हुआ था और इसके बाद उन्हें ए प्लास्टिक एनिमिया बीमारी हो गई, जिससे इनकी प्लेटलेट्स बननी बंद हो गईं। लेकिन अगर समय पर इलाज हो पाता तो यह बीमारी ठीक हो सकती थी। अपने पति का इलाज कराने के लिए मैंने सड़कों पर भी उतरकर बिल्डर और सरकार से गुहार लगाई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

हमने इलाज के लिए अपना एक प्लॉट भी बेच दिया। सभी ज्वैलरी गिरवी रख दी और जितना पैसा बैंक खातों में था सब लगा दिया। लेकिन इस सब में हमें इतना वक्त लग गया कि इलाज समय पर नहीं हो सका और मेरे पति की मौत हो गई।

पति का सपना था दूसरे परेशान लोगों की मदद करें
योगेश कुमार की पत्नी कविता ने बताया कि जब से मेरे पति बीमार हुए हैं हमने बहुत बुरे दिन देखे हैं और इसके चलते ही मैंने और मेरे पति ने सोचा था कि जब वह ठीक हो जाएंगे तो हम उन लोगों की मदद करेंगे जो इस तरह से बीमार हैं। उन्होंने बताया कि अब मैं अपने पति के इस सपने को पूरा करने के लिए एक एनजीओ शुरु करना चाहती हूं, जिससे कि मैं परेशान और जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकूं।

सभी बायर्स योगेश के परिवार के साथ
आम्रपाली ड्रीम वैली के बायर के.के कौशल ने बताया कि बिल्डर ने जिस तरह योगेश के परिवार की मजबूरी तक नहीं समझी उससे साफ है कि उसे हम बायर्स से कोई मतलब नहीं। हम सभी बायर्स हमेशा योगेश के परिवार के साथ हैं और उनकी हर मुमकिन मदद करेंगे।