
यूपी के इस हाइटेक शहर में पुलिस ने मुठभेड़ में तीन बदमाशों को किया पस्त
नोएडा. यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने सोमवार को दिनदहाड़े एन्काउन्टर को अंजाम दिया। इस दौरान पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार मिर्ची गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया। इनमें से तीन पुलिस की गोली से जख्मी हो गए, जबकि बदमाशों की गोली से एक एसटीएफ का एक सिपाही भी घायल हो गया। घायलों को अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
एसटीएफ के सीओ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उन्हें इनपुट्स मिला था कि कुछ बदमाश बीटा-दो के आईटीबीपी गोल चक्कर के पास स्थित एक पेट्रोल पंप पर लूट करने आ रहे हैं। यह भी जानकारी मिली थी कि बदमाश पेट्रोल पंप के मैनेजर की हत्या भी करने वाले हैं। इसके पीछे कारण था कि बदमाशों को जानकारी देने वाला पेट्रोल पंप पर काम करने वाला एक कर्मचारी ही था। ऐसे में मैनेजर की हत्या होने से पुलिस उस तक नहीं पहुंच पाती। उन्होंने बताया कि इस सूचना पर एसटीएफ ने बदमाशों की घेराबंदी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि दोपहर के वक्त कासना थाना क्षेत्र के हॉट चेस में बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। बदमाश गोलियां चलाते हुए भागने लगे। इसमें बदमाशों की एक गोली एसटीएफ के आरक्षी सचिन को लग गई। इसके बाद एसटीएफ ने बदमाशों का पीछा किया और जवाबी कार्रवाई कर पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया। इनमें से तीन पुलिस की गोली से जख्मी हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
एसटीएफ के सीओ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि पकड़े गए बदमाशों में हापुड़ निवासी सन्नी उर्फ डमरू पुत्र गुरुदास सिंह, हापुड़ के नूरपुर का राहुल सिंह पुत्र प्रीतम सिंह, बस्ती जिले के गौर का उमेश गुप्ता पुत्र राम अवतार गुप्ता, अलीगढ़ के चंडौस का सुरेश सिंह पुत्र सतवीर सिंह और बुलंदशहर के पहासू का पारस डाबुर पुत्र रामवीर सिंह शामिल है। इनके पास से भारी मात्रा में हथियार और एक वैगनआर कार बरामद हुई है।
राजकुमार मिश्रा ने बताया कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के बरेली में सक्रिय है। वहां स्थित एक ज्वेलर्स की दुकान पर ये लोग तीन दिन बाद लूट करने वाले थे। वहां की ये रेकी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गए बदमाश मिर्ची गैंग के सक्रिय सदस्य हैं। यह गिरोह नोएडा, बुलंदशहर, बरेली और मेरठ में लूट की कई वारदातों को अंजाम दे चुका है।
सीओ एसटीएफ ने बताया कि इस गिरोह ने अब अपने काम करने के तरीके में काफी बदलाव किया है। अब ये उस स्थान को टारगेट करते हैं, जहां अधिक मात्रा में कैश फ्लो होता है। इसके अलावा वारदात को अंजाम देने के लिए भी ये शनिवार या रविवार का दिन तय करते हैं। इस कारण है कि उस दिन बैंक बंद रहता है और कैश जमा नहीं हो पाता है। ऐसे में इन्हें अधिक कैश मिलने की उम्मीद रहती है।
Published on:
24 Jun 2019 07:13 pm
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