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सपा के कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खान के शहर की है ये हालत, आपको भी आ जाएगी शर्म

45 वर्ष से भी ज्यादा समय से जनप्रतिनिधि हैं मोहम्मद आजम खान।बेटे अब्दुल्ला आजम भी हैं विधायक।

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azam khan

सपा के कद्दावर मुस्लिम नेता आजम खान के शहर की है ये हालत, आपको भी आ जाएगी शर्म

रामपुर। यूं तो आजम खान समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता कहे जाते हैं। वह रामपुर शहर सीट से अब तक 9 बार विधायक चुने जा चुके हैं। इसके अलावा वह तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इसमें भी खास बात यह है कि वह दो बार प्रदेश के शहरी विकास मंत्री रहे हैं। शहरी विकास मंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 9 वर्ष का रहा है।

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पहली बार चार वर्ष और दूसरी बार पूरे पांच वर्ष। इस बार उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी विधायक हैं। लेकिन इसके बावजूद भी सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भारत सरकार के शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2018 में रामपुर को 111वां स्थान दिया है। यानि कि रहने के लिहाज से अच्छे शहरों में रामपुर का 111वां नंबर आता है। इस बारे में उनसे बात करने के लिए कई बार कोशिश की गई लेकिन न तो उनका फोन उठा और नहीं उनके सहयोगी शानू इरशाद का।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक रामपुर के करीब सवा तीन लाख लोग रोजाना लगभग 165 टन कूड़ा निकालते हैं। इसमें से कुछ को पास के घाटमपुर गांव के पास फेंका जाता है और बाकी बचे को सड़कों पर या ड्रेन्स में। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस शहर में वेस्ट मैनेजमेंट सुविधा नहीं है। ऐसे में आजम खान पर सवाल उठना लाजिमी हैं। क्योंकि जिस शहर के बाशिंदों ने लगभग 40 साल से भी ज्यादा का समय उन्हें अपना जनप्रतिनिधि बनने के लिए दिया है। इसमें भी वह दो बार नगर विकास मंत्री रहे, लेकिन शहर की बेहतरी के लिए उन्होंने क्या किया यह अपने आपमें एक बड़ा सवाल है।

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शहर में नहीं हैं ये सुविधाएं
1.सिटी बस सर्विस नहीं
2.वेस्ट डिस्पॉजल साइट नहीं
3.स्थानीय हॉस्पिटलों में इमर्जेंसी संभालने की कोई व्यवस्था नहीं
4.स्कूलों में किताब नहीं
5.बिजली सप्लाई की स्थिति बेहद खराब
6.शहर में किसी भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में एमआरआई मशीन नहीं

रामपुर के मुख्य स्वच्छता अधिकारी और खाद्य निरीक्षक टीपीएस वर्मा से जब इस संबंध में बात की गई तो इसके लिए उन्होंने स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक 10 हजार जनसंख्या पर 28 सफाई कर्मचारी होने चाहिए। हमारे पास 355 स्थायी नियुक्तियों के लिए सिर्फ 199 और 534 संविदा वाले कर्मचारियों की जगह पर महज 170 हैं। हमें 43 में से 21 वॉर्डों की सफाई के लिए बाहर से लोग लेने पड़ते हैं।