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उल्टी दस्त का इलाज कराने पहुंचे मरीज को हुआ पैरालाइज्ड, डाॅक्टर पर लगाया यह आरोप

इलाज के कुछ घंटे बाद ही हो गया यह हाल

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नोएडा

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Nitin Sharma

Jul 27, 2018

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उल्टी दस्त का इलाज कराने पहुंचे मरीज को हुआ पैरालाइज्ड, डाॅक्टर पर लापरवाही का आरोप

नोएडा।नोएडा में एक मरीज को अस्पताल में इलाज करना उस वक़्त भारी पड़ गया।जब वो नोएडा के एक बड़े अस्पताल में उल्टी दस्त के साथ ही लंग बायोपसी का इलाज करने के लिए नोएडा के जे पी अस्पताल गया। और इलाज के दौरान उसका आधा शरीर पैरालाइज्ड हो गया।फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती है।वहीं उसकी पत्नी और बेटी का रो रो कर बुरा हाल है।परिवार का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से इनका ये हाल हुआ हैं। वहीं अस्पताल ने इसकी वजह इलाज में कोर्इ कमी होना नहीं बताया।इसमें उन्होंने बैक में स्पाइनल कोड की बीमारी होने की वजह से शख्स को पैरालाइज्ड होने की बात कहीं है।

वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें-उल्टी दस्त का इलाज करने करने पहुंचे मरीज का शरीर पैरालाइज्ड हुआ, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

डाॅक्टर ने एडमिट कर लंग बायोपसी का किया इलाज

अस्पताल के बिस्तर पर अपना दर्द बयां करते हुए ये 40 साल के महेन्द है । इनके परिवार में पत्नी और पांच बेटियां है।एक निजी कंपनी के ऑफिस बॉय का काम करते हैं। 20 जुलाई को अचानक इन्हें डयूटी के दौरान उल्टी दस्त हुए।जिसका इलाज कराने महेंद्र नोएडा के सेक्टर-127 स्थित जे पी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे थे।यहां डाॅक्टरों ने उन्हें एडमिट कर लंग बायोपसी कराने की बात कहीं थी।परिजनों का कहना है कि डाॅक्टरों ने इनके लंग से मास का टुकड़ा जांच के लिए निकला था। इसके कुछ ही घंटों बाद उन्हें यह समस्या हो गर्इ। इसके चलते उनके दोनों पैरो ने काम करना बंद कर दिया है।

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पत्नी आैर बेटियों का बुरा हाल

पति की हुई इस हालत से पत्नी आैर उनकी पांच बेटियों का रो रो कर बुरा हाल है ।महेंद्र की पांच बेटियां है। जिनकी पढ़ार्इ लिखाई सब महेंद्र के भरोसे है। पत्नी भी इस हादसे के लिए अस्पताल को ही जिम्मेदार ठहरा रही है । फिलहाल पत्नी को पति की बीमारी और परिवार की चिंता से गमगीन है।वहीं इस मामले में जेपी अस्पताल की तरफ से बताया गया कि महेंद्र लंग बायोपसी कराने आए थे।उनकी बायोपसी ठीक तरीके से की गर्इ थी। इसी के चार घंटे बाद उनके बैक में स्पाइनल कोड की बीमारी हुर्इ। जिसके चलते उनके पैरों ने काम करना बंद कर दिया। अस्पताल की आेर से बताया गया कि उन्हें किसी इंजेक्शन की वजह से नहीं बल्कि स्पाइन की बीमारी से पैरालाइज हुआ है।