
नोएडा. नए कृषि कानून के खिलाफ नोएडा-दिल्ली बार्डर पर बीते 12 दिनों से सड़क बंद कर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भानु) में आंतरिक कलह सामने आई है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के रास्ता खोलने के फैसले के खिलाफ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने न सिर्फ रास्ता खोलने का विरोध किया है, बल्कि वे आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि अब वह मर कर ही उठेंगे। वहीं बीकेयू (भानु) के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों ने फैसले आहत होकर इसे किसानों कौम के खिलाफ गद्दारी मानते हुए इस्तीफ़ा दे दिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह के फैसले से नाराज इस्तीफा देने वाले संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी ने कहा कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले को किसान कौम से गद्दारी मानते हैं। इसलिए उन्होंने संगठन से अलग होने का फैसला किया है। दूसरे पदाधिकारी महेंद्र सिंह चिरौली ने अपने इस्तीफे में कहा कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले से आहत हूं और इसे किसानों के खिलाफ गद्दारी मानता हूं। शनिवार की रात किसानों के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी। बातचीत के बाद भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर को खोलने का ऐलान कर दिया। देर रात पुलिस ने सड़क से बैरिकेड हटाकर रास्ता खोल दिया है। हालांकि किसानों का धरना जारी है।
भाकियू (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह का यह फैसला संगठन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप को रास नहीं आया और उन्होंने अपने ही अध्यक्ष के सामने मोर्चा खोल दिया। योगेश प्रताप रविवार की सुबह आमरण अनशन पर बैठ गए। मौके पर ही पूजा पाठ भी शुरू हो गया। बातचीत में योगेश प्रताप ने कहा कि अगर नए कृषि कानून को वापस नहीं लिया गया तो यहां से वह मर कर ही उठेंगे।
राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर के भरोसे से भाकियू भानु के कुछ सदस्य संतुष्ट हैं, लेकिन एक धड़ ने असंतोष जाहिर करते हुए धरना जारी रखने की बात कही है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) जिलाध्यक्ष राजीव नागर ने बताया कि किसानों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
Published on:
14 Dec 2020 11:36 am
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