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Person of the Week: 3 बार मिस्टर इंडिया और 5 बार मिस्टर यूपी रहे Vipin Yadav ने रूस में भी मचाया धमाल

Highlights: -65 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड हासिल करने वाले विपिन यादव नोएडा के सरफाबाद गांव के मूलनिवासी हैं -वहीं रूस से लौटकर वापस आने पर विपिन का शहर भर में जगह-जगह स्वागत किया जा रहा है -बचपन से रेस्लिंग करते आ रहे विपिन करीब 13 वर्ष पहले ही बॉडी बिल्डिंग से जुड़े

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नोएडा। रूस में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ बॉडी बिल्डिर्स (IFBB) द्वारा आयोजित इंटरनेशनल चैंपियनशिप में विपिन यादव ने नोएडा समेत पूरे देश का नाम रोशन किया है। 65 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड हासिल करने वाले विपिन यादव नोएडा के सरफाबाद गांव के मूलनिवासी हैं। वहीं रूस से लौटकर वापस आने पर विपिन का शहर भर में जगह-जगह स्वागत किया जा रहा है। बचपन से रेस्लिंग करते आ रहे विपिन करीब 13 वर्ष पहले ही बॉडी बिल्डिंग से जुड़े।

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वह बताते हैं कि घर में बड़ों के रेस्लिंग में होने के चलते उन्हें भी इस स्पोर्ट से जुड़न पड़ा। लेकिन, उनकी रूची शुरू से ही बॉडी बिल्डिंग में थी। तीन बार मिस्टर इंडिया और पांच बार मिस्टर यूपी रहे विपिन यादव रूस में आयोजित बॉडी अंतरराष्ट्रीय बिल्डिंग प्रतियोगिता के लिए एक साल से तैयारी कर रहे थे। जीत का श्रेय अपने गुरू वसीम खान को देते हुए विपिन बताते हैं कि उन्होंने अपने गुरु द्वारा बताई गई तकनीक और रास्ते पर चलकर ही ये जीत हासिल की है। इसके अलावा वह अमैच्यौर ओलंपिया में भी सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। वहीं रूस में हुई प्रो लीग प्रतियोगिता में उन्होंने दुनिया के अलग-अलग देशों से आए 300 बॉडी बिल्डरों को पछाड़ गोल्ड मेडल हासिल किया।

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तबियत खराब थी फिर भी नहीं मानी हार

विपिन यादव बताते हैं कि वह बॉडी बिल्डिंग में सर्वोच्च प्रतियोगिता ऑलंपिया की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान उनकी तबियत खराब हो गई थी। जिसके चलते वह इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सके। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और तबियत ठीक होते ही उन्होंने फिर से मेहनत शुरू की और रूस में हुई प्रो लीग में हिस्सा लिया। जहां उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और उन्होंने पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

युवा एस्ट्रोयड नहीं डाइट पर दें ध्यान

देशभर में बॉडी बिल्डिंग करने वाले युवाओं को संदेश देते हुए यादव कहते हैं कि डाइट और सप्लिमेंट सही समय पर लेने से बॉडी भी बनेगी और शरीर को नुकसान भी नहीं होगा। लेकिन, कई बार युवा जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में एस्ट्रोयड के चक्कर में पड़ जाते हैं। मेरी युवाओं से अपील है कि वह एस्ट्रोयड की तरफ बिल्कुल भी न जाएं और ट्रेनर को भी इसका ध्यान देने की जरूरत है।