जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण के पूर्व अधिकारी के घर छापे की जानकारी सिर्फ टीम के एक-दो अधिकारियों को ही थी। बताया जाता है कि रवींद्र तोगड़ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रॉपर्टी विभाग में तैनात था और यादव सिंह व पीसी गुप्ता का करीबी रहा है। अपने राजनीतिक रसूख के चलते ही वह जल्द धन कुबेर बन गया।
बता दें कि बसपा सरकार में रविंद्र तोगड़ की तैनाती प्राधिकरण में की गई थी। सपा की सरकार आने के बाद रविंद्र को महत्वहीन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई। वहीं प्राधिकरण से रिटायर होने के बाद अब यह भाजपा में शामिल हो गए। ग्रेटर नोएडा में इनका कौशल्या वर्ल्ड स्कूल भी है।
गौरतलब है कि इससे पहले 10 जून को नोएडा प्रधिकरण में तैनात सहायक इंजीनियर ब्रजपाल चौधरी के ठिकानों पर भी आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। जिसमें बताया चला था कि कैसे 65 हजार रुपये वेतन पाने वाले सहायक इंजीनियर 200 करोड़ से अधिक की चल -अचल संपत्ति का मालिक बन गया। वहीं यादव सिंह और पीसी गुप्ता के बाद अब सीबीआई और आयकर विभाग की नजर कई और अधिकारियों पर भी बताई जा रही है। जिन्होंने कुछ ही समय में सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति बना डाली है।