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काम तो बरसेगी कृपा, इन राशियों के लोगों की खुलेगी किस्मतविनोद शास्त्री ने बताया कि नया संवत 18 मार्च को रविवार के दिन ही मनाया जाएगा। क्योंकि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 18 मार्च को ही उदय तिथि के रूप में पड़ रही है। लेकिन अगर काल गणना के हिसाब से इसके सही मुहुर्त की बात करें तो 17 तारीख की शाम 6 बजकर 42 मिनट पर ही कन्या लग्न में शुरू हो जाएगा। इसलिए इस बार साल की शुरुआत कन्या लग्न से मानी जाएगी।
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इस बार संवत का राजा सूर्य होने से इस वर्ष सूर्य का अत्यधिक प्रभाव रहेगा। सूर्य को ज्योतिष में सरकार, सरकारी कार्य, सत्ता, राजनीति, प्रतिष्ठा, उच्च पद और सरकारी योजनाओं का कारक माना जाता है। इसलिए इस साल सरकार से जुड़कर कार्य करने वाले या सरकारी नौकरी करने वाले लोगों के जीवन में तरक्की होगी। साथ ही उनकी प्रतिष्ठा और पद वृद्धि की संभावना बनेगी। सरकार में उच्च पद पाए कार्यरत व्यक्तियों का प्रभुत्व बढ़ेगा। संवत का राजा सूर्य होने के कारण राजनीति में करियर बनाने का प्रयास कर रहे जातकों के लिए भी ये नया साल नए अवसर लेकर आएगा। यह भी पढ़ें
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इन राशियों के लोगों को लाभ के बन रहे योगसूर्य संवत का राजा होने से सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं में तेजी और वृद्धि होगी। इस संवत का मंत्री शनि होने से राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई तकनीक और तकनीक कार्यों का विकास होगा तथा तकनीकी क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों के जीवन में भी नए और अच्छे मौके आएंगे। संवत का राजा सूर्य होने से विशेष रुप से सिंह राशि, सिंह लग्न और जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की दशा चल रही है।
पत्रिका टीवी देखन के लिए यहां क्लिक करें उनके लिए भी नव संवत अच्छे परिवर्तन लाएगा। इसके अलावा वर्ष प्रवेश लग्न कन्या होने से बौद्धिक और वाणी प्रधान कार्य करने वाले लोगों का प्रभुत्व भी बढ़ेगा। कम्प्यूटर और कम्यूनिकेशन के क्षेत्रों में भी प्रगति होगी। पर संवत राजा सूर्य होने से वर्षा में कमी होगी। क्योंकि सूर्य, अग्नि तत्व ग्रह हैं। इसलिए इस वर्ष गर्मी अधिक और वर्षा कम रहेगी। इस बार संवत का राजा सूर्य तथा मंत्री शनि क्योंकि परस्पर विरोधी ग्रह हैं। इसलिए समाज में जनांदोलन, उठापटक और सत्ता में परस्पर संघर्ष की स्थिति रहेगी।
पंडित विनोद शास्त्री ने बताया कि नव संवत के दिन हिंदुओं में अपने घर और मंदिरों पर नए ध्वज लगाने की परंपरा है।इसे विजय और सुख-समृद्धि देने वाला माना जाता है। इसके अलावा इन दिन घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाकर रंगोली आदि भी बनाई जाती है। इस दिन घर और मंदिरों में पूजा-पाठ के साथ-साथ घर में तुलसी पूजन अवश्य करें। नव वर्ष पर गौसेवा और गरीब व्यक्ति, कुष्ठाश्रम, वृद्धाश्रम आदि में श्रद्धानुसार दान आदि देना चाहिए। इस दिन ब्राह्मणों के द्वारा पंचांग सुनकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है।