
Chamki Fever: इस तरह अपने बच्चों को बचाएं चमकी बुखार से
नोएडा। बिहार में चमकी बुखार (Chamki Fever) ने कहर ढाया हुआ है। इससे अब तक 164 बच्चों की जान जा चुकी है। इसके पीछे लीची को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है। अब तो उत्तर प्रदेश में भी इसका खौफा देखा जा सकता है। नोएडा और गाजियाबाद में भी घर में लीची लाने से पैरेंट्स परहेज कर रहे हैं।
गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर से करें संपर्क
आयुर्वेद डॉक्टर अच्युत कुमार त्रिपाठी का कहना है कि चमकी बुखार एक तरह का दिमागी बुखार होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो 10 साल तक के बच्चों को अपने चपेट में ज्यादा लेती है। उनका कहना है कि बदले मौसम में आयुर्वेद के तरीके अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि चमकी बुखार के गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
चमकी बुखार से बचाव के उपाय
- धूप से बच्चों को दूर रखें
- बच्चों को खाली पेट लीची न खिलाएं
- पूरे शरीर काे ढकने वाले कपड़े पहनाएं
- बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
- रात को मच्छरदानी लगाकर साेएं।
- बच्चों को हल्का साधारण खाना खिलाएं और जंक फूड से दूर रखें।
- सड़े-गले फल न खिलाएं।
- घर के आसपास गंदगी नहीं होने दें।
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क्या है चमकी बुखार
चमकी बुखार को आम भाषा में लोग मष्तिष्क ज्वर के नाम से जानते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) है। 1 से 10 साल के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हाेने के कारण यह बुखार उनको अपनी चपेट में जल्दी ले लेता है। यह संक्रामक रोग है। शरीर में इसके वायरस बढ़ने पर ये मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और नर्वस सिस्टम को खराब कर देते हैं।
ये हैं लक्षण
- लगातार तेज बुखार
- शरीर में ऐंठन
- कमजोरी
- बेहोशी छाना
- शरीर का सुन्न पड़ जाना
Updated on:
22 Jun 2019 02:27 pm
Published on:
22 Jun 2019 02:24 pm
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