27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस महीने की 21-22 तारीख होगी खास, फिर ढाई साल बाद ही देख पाएंगे ऐसा नजारा, जानिए क्या है पूरा मामला

इसी महीने की 21 और 22 तारीख (21-22 जनवरी ) खास होने वाली है, क्योंकि जो नजारा इन दो दिनों में लोग देख पाएंगे उसके लिए फिर पूरे ढ़ाई वर्ष तक इंतजार करना पड़ेगा।

2 min read
Google source verification
calender

इस महीने की 21-22 तारीख होगी खास, फिर ढाई साल बाद ही देख पाएंगे ऐसा नजारा, जानिए क्या है पूरा मामला

नोएडा। 2018 बीत चुका है और 2019 में प्रवेश करने के साथ ही लोगों ने कई तरह के संकल्प लिए हैं। वहीं इस महीने की 6 तारीख को ही सूर्य ग्रहण होने के कारण कुछ लोगों के मन में संशय भी है कि उनका पूरा वर्ष कैसा जाएगा। इस सबके बीच अब इसी महीने की 21 और 22 तारीख (21-22 जनवरी ) खास होने वाली है, क्योंकि जो नजारा इन दो दिनों में लोग देख पाएंगे उसके लिए फिर पूरे ढ़ाई वर्ष तक इंतजार करना पड़ेगा। अब आप सोच रहे हैं कि भला ऐसा क्या होने वाला है तो आज हम आपको नोएडा के प्रसिद्ध लाल मंदिर के पुजारी पंडित विनोद शास्त्री के माध्यम से इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें : जानिये, आज किस समय पड़ेगा साल का पहला सूर्यग्रहण, भूलकर भी न करें ये काम

दरअसल, नए वर्ष के पहले ही महीने यानि जनवरी के 21 और 22 तारीख को चंद्रग्रहण पड़ने वाला है। जिसके चलते चांद पृथ्वी के नजदीक आ जाएगा। जिसके चलते चांद बड़ा दिखेगा और यह इस साल का पहला व आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। वहीं इन दो दिनों चांद के तीन रूप भी देखने को मिलेंगे। इस दौरान लोगों को सुपर ब्लड मून के साथ ही वुल्फ मून भी दिखेगा। इसलिए ही इसे सुपर ब्लड वुल्फ मून भी कहा जाता है।

यह भी पढ़ें : कर्क, तुला आैर कुंभ राशियों के लिए विशेष लाभकारी, इन लोगों को रखना होगा खास ख्याल

फिर ढाई वर्ष बाद दिखेगा ऐसा नजारा

बता दें कि इस तरह का नजारा फिर अगले करीब ढाई वर्ष बाद ही दिखाई पड़ेगा। अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण अब 26 मई 2021 को दिखाई देगा, जो कि एक घंटे 20 मिनट तक रहेगा। वहीं इससे पहले पिछले वर्ष 27 जुलाई को पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखा था।

भारत में नहीं दिखेगा चंद्र ग्रहण

इस महीने अगर आप भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने की उम्मीद कर रहे हैं तो आपको थोड़ा निराश होना पड़ेगा क्योंकि ये सुपर ब्लड वुल्फ मून अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका के कुछ ही हिस्सों में ही दिखाई देगा।