30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Chhath Puja 2021: सौहार्द्र के चूल्हे पर पकेगा आस्था का प्रसाद, मुस्लिम महिलाएं बना रहीं मिट्टी का चूल्हा

Chhath Puja 2021: देश में सभी मजहबों के धर्म और तीज-त्यौहार अलग-अलग होते हैं। इनकी परंपराएं भी अलग होती हैं। लेकिन इन्हीं त्यौहारों पर जब तक सौहार्द्र का तड़का न लगे यह पूरा नहीं होते। हिंदू धर्म के त्यौहार हो या मुस्लिमों की कोई भी ईंद। दोनों ही मजहबों के त्योहार एक-दूसरे के सहयोग के बिना पूरे नहीं होते। इस बार छठ पर्व पर प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे मुस्लिम महिलाएं बना रही हैं। ये मुस्लिम महिलाएं कई स्थानों पर कच्चा चूल्हा बनाकर बेंच रही हैं।

2 min read
Google source verification
chulla.jpg

Chhath Puja 2021: दिल्ली से सटे नोएडा में पूर्वांचल और बिहार के अधिकांश लोग रहते हैं। चूंकि परिवार सहित ये लोग यहां पर रहते हैं तो यहीं पर अब तीज-त्योहार भी मनाने लगे हैं। जिले में इस बार छठ की धूम हैं। छठ पर्व का उत्साह हर सोसाइटी में देखने को मिल रहा है। वहीं छठ का प्रसाद के लिए जिस कच्चे चूल्हे की जरूरत पड़ती है। वह कच्चा चूल्हा इन दिनों नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कों के किनारे मुस्लिम महिलाएं बना रही हैं।

यह भी पढ़ें : Weather Updates: महापर्व छठ पर तापमान 10 डिग्री तक जाने के आसार, पड़ने लगी ठंड छाने लगी धुंध

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर ये महिलाएं नियमों का पालन करते हुए चूल्हे को बनाने में जुटी हैं। छठ का प्रसाद बनाने को लेकर मिट्टी के चूल्हे बनाने का काम इन्होंने एक सप्ताह पहले शुरू कर दिया था। पिछले साल 2020 से मुस्लिम महिलाएं छठी मइया के प्रति आस्था रख चूल्हे को बनाने का काम करती आ रही हैं। ये मुस्लिम महिलाएं चूल्हे बनाने के साथ समाज में सौहार्द्र का संदेश भी दे रही हैं।

यानी मुस्लिम महिलाओं द्वारा बनाए सौहार्द्र के चूल्हे पर छठ मईया की आस्था का प्रसाद पकाया जाएगा। सूर्य की उपासना का महापर्व छठ सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता है। छठ व्रती जिस कच्चे चूल्हे पर महापर्व छठ का प्रसाद बनाती हैं उसको वर्ष 2020 से मुस्लिम महिलाएं बनाने का काम कर रही है।

शुद्धता का भी रख रही हैं ध्यान

मिट्टी के चूल्हे बनाने में जुटी नोएडा सेक्टर 108 पार्क के सामने चूल्हा बना रही फहीना अंसारी का कहना है कि वे 2020 में उनके पास कुछ लोग आए और कच्चे चूल्हे को पूछने लगे। तभी से उन्होंने इसे बनाकर बेंचना शुरू किया। उनका ये धंधा चल निकला। उनके पास कच्चा चूल्हा लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। वे तब से ही मिट्टी के चूल्हे बनाने का काम रही हैं। इसे बनाने में शुद्धता और नियमों का पालन करती हैं। चूल्हे बनाने के दौरान वे मांस-मछली का सेवन नहीं करतीं। नहा-धोकर चूल्हे को तैयार करती हैं।

BY: KP Tripathi

यह भी पढ़ें : Chhath Pooja 2021: छठ पूजा के लिए सज-धज कर तैयार हुईं भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा