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भारतीय डॉक्टरों ने विश्व में रचा इतिहास, पड़ौसी देश के नागरिक का जटिल ऑपरेेशन कर दिया जीवनदान

नोएडा के डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी के बाद कुल्हे की हड्डी को रीढ़ की हड्डी की जगह प्रत्यारोपण करने में पाई सफलता

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नोएडा

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lokesh verma

Aug 19, 2018

Noida

भारतीय डॉक्टरों ने विश्व में रचा इतिहास, पड़ौसी देश के नागरिक का जटिल ऑपरेेशन कर दिया जीवनदान

नोएडा. हाईटेक सिटी नोएडा के डाॅक्टरों ने अफगानिस्तान के एक व्यक्ति का आरिफ रेजाया जटिल ऑपरेशन कर परिवार को जीवनदान दिया है। बताया जा रहा है कि आरिफ रेजाया रीढ़ की हड्डी में संक्रमण से पीड़ित थे, जिसका इलाज आसान नहीं होता है, लेकिन नोएडा के डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन कर रीढ़ की संक्रमित हड्डी को निकालकर कूल्हे की हड्डी का प्रत्यारोपण कर इतिहास रच दिया है। इस सफल ऑपरेशन से जहां आरिफ रेजाया को नया जीवन मिला है, वहीं उसके परिजन भी बेहद खुश हैं। आॅपरेशन की जटिलता इस बात से ही आंकी जा सकती है कि आरिफ रेजाया का इलाज डेढ़ साल तक चला। इस दौरान कई प्रकार के आॅपरेशन किए गए और मरीज की गर्दन और रीढ़ की हड्डी में संक्रमण होने से उसे लकवा मार गया था। चिकित्सकों की मानें तो इस तरह के केस में अब तक विश्व में 5 केसों में ही सफलता मिली है।

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जेपी अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरो सर्जरी डॉक्टर रोहन सिन्हा ने बताया कि अफगानिस्तान के आरिफ रेजाया हायडेटिड बीमारी से पीड़ित थे। टेपवर्म के कारण उनकी गर्दन और रीढ़ में बहुत ज्यादा संक्रमण हो गया था। इसमें पस भर गया था, जिससे गर्दन में सूजन आ गई थी। जांच में पता चला कि गर्दन से जुड़ी हड्डियों में बहुत ज्यादा संक्रमण हो गया है। पहले तो मरीज का पस निकाला गया। उसके बाद जून 2017 में पहला ऑपरेशन किया गया, जिसमें पहले हड्डी को निकाला गया फिर उसकी जगह कूल्हे की हड्डी का प्रत्यारोपण किया गया। रेजाया का ऑपरेशन मुंह के जरिए किया गया था। ऐसे में मरीज का सांस लेना और खाना खा पाना मुश्किल होता है। दिसंबर 2017 में अफगानिस्तान के रेजाया को फिर से अस्पताल लाया गया तो पता चला कि फिर से पस पड़ गया है। नई हड्डी प्राकृतिक हड्डी के साथ फिर से नहीं मिल पाई है। उसके बाद हड्डी को दोबारा प्रत्यारोपण किया गया। मेडिकल डिवाइस की मदद से सिर और गर्दन को सहारा दिया गया। अब मरीज चल फिर सकता है और दोनों हाथों का इस्तेमाल कर सकता है। इस तरह के अब तक विश्व में पांच सफल केस के बारे में पता चला है।

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घर में फिर से लौटीं खुशियां

बता दें कि आरिफ रेजाया अफगानिस्तान में ड्राइवर हैं। उनके छह बच्चे भी हैं। आरिफ कहते हैं कि इतना लंबा इलाज चला, लेकिन कभी उनकी पत्नी फातिमा और उन्होंने हार नहीं मानी। वे कहते हैं कि भारत में आकर हमारे परिवार को ही एक नई जिंदगी मिली है, जिसकी बदौलत आज घर में फिर से खुशियां लौट आई हैं।

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