
Most polluted city
नोएडा. ठंड के शुरुआती दौर में वायु गुणवत्ता सूचकांक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है। हवा में प्रदूषण के जहर की मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। इससे एनसीआर के लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि सुबह टहलने के लिए निकलने वालों के लिए घर से निकलना मुश्किल हो गया है। लोगों ने मॉर्निंग वॉक भी बंद कर दी है।
नाेएडा के साथ गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर में भी हालात दिल्ली जैसे ही खराब हैं। जिस प्रकार से हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, उससे आने वाले दिनों में खतरे के संकेत चिंता बढ़ाने वाले हैं। दिल्ली एनसीआर पर लंबे समय से प्रदूषण बदनुमा दाग लगा हुआ है। पिछले कई सालों से एनसीआर के जिलों का नाम देश भर के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की सूची में टॉप टेन में शामिल रहता है। इस बार भी हालात बहुत अच्छे नहीं लग रहे हैं। प्रदूषण का स्तर अब बढ़ने लगा हैं। हवा अब रेड जोन में शामिल हो चुकी है।
750 के पार पहुंच गया था एक्यूआई
नवंबर के शुरुआती 13 दिनों में ही हवा के गुणवत्ता सूचकांक में आठ दिन रेड जोन में शामिल हो चुका है। शनिवार सुबह जहां नोएडा में एक्यूआई 750 के पार पहुंच गया था। वहीं, रविवार को भी 450 से अधिक रहा। जबकि दीपावली के दो दिन बाद छह नवंबर को प्रदूषण का स्तर 900 तक पहुंच गया था। विशेषज्ञ आने वाले दिनों में इसे खतरे की घंटी मान रहे हैं। इसके लिए अभी से प्रयास किए जाने चाहिए, तभी प्रदूषण के स्तर पर नियंत्रण किया जा सकेगा।
इस कारण हवा में मेटल पार्टीकुलर
एनसीआर में कल कारखानों में धातुओं को गलाकर बनाने की कई इकाइयां हैं। इन धातुओं को गलाने और उनसे बनने वाले उत्पाद की प्रक्रिया के दौरान धातुओं के महीन कण और पानी में घुलते हैं। इस दौरान इन उत्पादों पर पॉलिश, घिसाई, प्लेटिंग सहित अन्य कार्य किए जाने के कारण भी हवा में पार्टीकुलर मेटल पीएम-10 की मात्रा भी अधिक रहती है। धातुओं को गलाने के लिए भट्ठियां प्रदूषण को खतरनाक स्तर पर ले जाने का काम करती हैं।
By- KP Tripathi
Published on:
14 Nov 2021 10:49 am
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