
सहारनपुर/देवबंद. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक पत्र लिखकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति से मांग की है कि संगठन यूनिवर्सिटी कैंपस में शाखा लगाना चाहता है। साथ ही आरएसएस ने ये भी कहा है कि वे ये दिखाना चाहते हैं कि हमारी शाखा देशहित के लिए काम करती है। इस पर कुलपति ने साफ मना करते हुए कहा है कि ये शिक्षा का संस्थान है। वहीं इस मामले में अब देवबंदी उलेमा भी कूद पड़े हैं। उलेमा ने कहा है कि आरएसएस की सोच के बारे में सबको पता है। अगर वहां शाखा लगाई जाएंगी तो विश्वविद्यालय के माहौल के साथ-साथ देश का भी माहौल खराब हो जाएगा।
मुफ्ती अजफर हुसैन ने कहा है कि आरएसएस का नजरिया और उसकी विचारधारा से सभी वाकिफ हैं। इसलिए आरएसएस को वहां शिविर या शाखा लगाने की अनुमित बिलकुल भी नहीं देनी चाहिए। इससे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का माहौल बिगड़ सकता है। आरएसएस के कार्यक्रम के दौरान किसी भी वक्ता के मुंह से कोई भी आपत्तिजनक शब्द निकला तो देश की फिजा खराब हो सकती है। वैसे भी वह मुस्लिम यूनिवर्सिटी है। इसलिए इसकी इजाजत देना अनुचित होगा। वहीं आरएसएस द्वारा पत्र में देशहित में काम करने की बात पर देवबंदी उलेमा ने कहा कि वे भले ही देश को अच्छा संदेश देना चाहते हैं, लेकिन अगर इससे वहां का माहौल खराब हुआ तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी।
बता दें कि आरएसएस को समझाने के लिए मुस्लिम यूथ एसोसिएशन के अध्यक्ष आमिर रशीद ने एएमयू कैम्पस में शाखा लगाने की अनुमति मांगी थी। संघ विचारक आमिर राशिद ने कहा था कि आए दिन एएमयू में छात्र नेता व प्रोफेसर लोग राष्ट्र विरोधी ताकतों के कहने पर आरएसएस के खिलाफ बयानबाजी करते हैं। उन्हें आरएसएस की गतिविधियों के बारे में कुछ पता नहीं है। शाखा में एएमयू के छात्र और शिक्षक आए और संघ की शाखाओं में क्या होता है, इस बारे में जानकारी करें। अभी कुछ दिनों पहले एएमयू के छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर का बयान था कि आरएसएस की शाखा में आतंकी पलते हैं। इस भ्रम को दूर करने के लिए वे एएमयू कैंपस में शाखा लगाना चाहते हैं, ताकि छात्रों को पता चले कि शाखा में राष्ट्र भक्तों का निर्माण होता है। आमिर ने कहा कि अगर शाखा लगाने की अनुमति नहीं मिलती है तो कैंपस के आसपास आरएसएस की शाखा लगाएंगे।
Published on:
28 Apr 2018 09:30 am
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