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Bike Boat Scam: ईडी करने जा रही है कार्रवाई, मुख्य आरोपी के करीबी ने उगले कई बड़े राज

Bike Boat Scam: बाइक बोट कंपनी में जल्दी पैसा कमाने और अपनी पूंजी को दोगुना करने के चक्कर में लोगों को धोखा मिला है। बाइक बोट कंपनी में रुपये लगाकर धोखा खाने वाले लोग एक, दो नहीं बल्कि लाख के पार हैं और वह भी मध्यमवर्गीय परिवार के हैं, जिन्होंने अपना पेट काटकर पूंजी जोड़ी थी।

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Bike Boat Scam: उत्तर प्रदेश के चर्चित बाइक बोट घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) निवेशकों की गाढ़ी कमाई से खरीदी गईं करीब 100 करोड़ रुपये की और संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी में है। इससे पहले लगभग 225 करोड़ रुपये की संपत्तियां ईडी जब्त कर चुकी है। हालांकि इससे पहले घोटाले के मास्टरमाइंड संजय भाटी से पूछताछ करने की तैयारी भी ईडी कर रही है। आरोपी संजय भाटी इसी मामले में साल 2019 से जेल में निरुद्ध है। इसके साथ ही ईडी जनवरी, 2022 में एक और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करने की तैयारी में है।

क्या है पूरा मामला

बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रोमोटर्स प्रा. लि. (जीआईपीएल) के डायरेक्टर बनकर लोगों को विश्वास में लिया और फिर ओला, उबर की तरफ से बाइक बोट के नाम से कंपनी खोल ली। लोगों को अच्छे कमाई का लालच देकर कंपनी में करोड़ों रुपए का निवेश भी करवा लिया। आरोपियों के खिलाफ राजस्थान, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, मुम्बई के विभिन्न थानों में सौकड़ों मुकदमें दर्ज है।

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फरवरी 2020 में ईडी ने की थी छापेमारी

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने फरवरी 2020 में दिल्ली, नोएडा और एनसीआर में कई जगहों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में घोटाले की रकम से खरीदी गईं कई संपत्तियों के बारे में जानकारियां भी जुटाई थीं। इसके साथ ही बाइक बोट घोटाले के आरोपित विजेंद्र सिंह हुड्डा के बेहद करीबी मनोज त्यागी को गिरफ्तार किया था। उसने कई अहम जानकारियां ईडी से साझा की थीं।

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कंपनी का पैसा ठिकाने लगाता था आरोपी मनोज त्यागी

जानकारी के मुताबिक 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बोगस कंपनियों के जरिए निवेश किए जाने की बात सामने आई थी। इन कंपनियों की जांच में कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली है। बताया जा रहा है कि कई शैक्षणिक संस्थानों और ट्रस्ट के जरिए भी लेन-देन की जांच की जा रही है। ईडी अब संजय भाटी से भी पूछताछ करेगी। ईडी संजय से पूछताछ के लिए कोर्ट की अनुमति लेने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी का पैसा ठिकाने लगाने का काम मुख्य आरोपी विजेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी मनोज त्यागी ही करता था।