ग्रेटर नोएडा के सेक्टर जीटा-1 में आम्रपाली ग्रांड सोसाइटी है। यहां आरके पुरम, दिल्ली निवासी सुरेंद्र सिंह जाटव ने अप्रैल 2009 में फ्लैट नंबर-01, द्वितीय टावर में फ्लैट बुक कराया था। उस समय उन्होंने बुकिंग के 88 लाख रुपये बिल्डर को दिए थे। इनमें उन्होंने 18 लाख रुपये का चेक व 70 लाख का आईडीबीआई बैंक से होम लोन के कागज आम्रपाली बिल्डर के डायरेक्टर अनिल शर्मा व रितिक सिन्हा को दिए थे। एग्रीमेंट के मुताबिक फ्लैट का पजेशन मिलने तक होम लोन की ईएमआई आम्रपाली बिल्डर को बैंक में जमा करानी थी।
पजेशन न मिलने पर बैंक पहुंचे, तो सामने आर्इ सच्चाई रूपया देने के बाद भी कर्इ सालों तक पजेशन नहीं मिलने पर सुरेंद्र कुमार ने मई 2017 में बैंक जाकर पता किया तो पता चला कि पिछले सात महीने से आम्रपाली ईएमआई जमा नहीं कर रहा है। इसके बाद सुरेंद्र ग्रेटर नोएडा स्थित अपने बुक किए गए फ्लैट पर पहुंचे तब वहां धवल नामक एक शख्स मिला। उसने बताया कि 8 अप्रैल 2015 को आम्रपाली बिल्डर ने उसे फ्लैट का पजेशन दिया है। इसके बाद से वह वहां रह रहा था। इस बारे में पीड़ित सुरेंद्र सिंह जब आम्रपाली के डायरेक्टर रितिक सिन्हा से मिले तो उन्होंने कोई स्पष्ट जबाव नहीं दिया और टालमटोल कर भगा दिया।
जांच के दौरान अपना पक्ष सामने नहीं रखने पहुंचा बिल्डर पीड़ित की शिकायत के बाद डीआईजी लव कुमार ने इस मामले की जांच एसपीआरए को सौंपी। जांच में एसपी ग्रामीण ने दोनों पक्षों को दो बार बुलाया। दोनों तिथियों पर पीड़ित सुरेंद्र सिंह तो पहुंचे, लेकिन आम्रपाली बिल्डर की तरफ से कोई भी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। जबकि आम्रपाली बिल्डर के सेक्टर-62 स्थित कार्यालय पर जाकर पुलिस ने नोटिस का तामील कराया था। इसके बावजूद किसी के न पहुंचने पर एसपीआरए के आदेश पर बुधवार को कोतवाली सेक्टर-58 में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।