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Ganesh Chaturthi 2017: इन राशि के लोगों को होगा सीधा लाभ

गणेश स्‍थापना के समय ध्‍यान रखें ये बातें, गणपति का पूजन बालों को सुखाकर करें

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नोएडा। ऋद्धि और सिद्धि के स्वामी श्री गणेश का जन्मोत्सव गणेश चतुर्थी वर्ष 2017 में आज शु्क्रवार को मनाई जा रही है। विघ्नहर्ता सुखकर्ता विनायक इस साल अनेका-नेक अमंगल को मंगल में बदलने का योग लेकर उपस्थित हो रहे हैं। पंडितों के अनुसार, कर्क राशि में चार ग्रहों और चतुर्थी के संयोग से पंचांग में 54 वर्ष बाद अपराजतिा योग बना है।

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खास होंगे 11 दिन

गाजियाबाद के चौधरी मोड़ मंदिर के पुजारी बदरी शर्मा के मुताबिक, चतुर्थी पर चतुवर्णीय ग्रहों की स्थिति बनने पर मेष, वृष्चिक, तुला, सिंह व कुंभ राशि को सीधा लाभ होगा। बदरी शर्मा के अनुसार, शुक्रवार दोपहर को कर्क राशि में मंगल, चंद्रमा, शुक्र व राहु होंगे। वहीं, सिंह राशि में सूर्य और बुध, मकर में केतु, वृश्चिक में शन‍ि और कन्‍या में गुरु होने पर कुंडली के कमजोर ग्रहों को मजबूत करने के लिए भी ये 11 दिन खास होंगे।

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मूर्ति स्‍थापना का रखें ध्‍यान

- गणेश मूर्ति सथापना के लिए पीले रंग के आसन का प्रयोग करें

- घर की उत्‍तर पूर्व दिशा में मूर्ति स्‍थापित करें

- पूजन के दौरान कैथा व दूब चढ़ाएं

- घर की छत पर पताका लगाए, इससे वास्‍तुदोष दूर होते हैं

- पूजन के समय पीले चावल का प्रयोग बेहतर होगा

- गणपति का पूजन बालों को सुखाकर करें

ऐसा न करें

- तुलसी का पत्र कभी न चढ़ाएं

- पूजन और प्रसाद में कटे हुए फल का प्रयोग न करें

- स्‍थापना के समय गणपति का मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो

- अखंड ज्‍योति स्‍थापित की है तो उसे विसर्जन तक बुझने न दें

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यह है मुहूर्त

दूधेश्वरनाथ मठ के महंत नारायण गिरी जी ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल गणपति पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:06 बजे से आरम्भ होकर दोपहर बाद 01:39 बजे तक है। पौराणिक प्रमाणों के अनुसार, गजानन श्री गणेश का जन्म दिन के मध्याह्न में हुआ था। लिहाजा श्री गणेश पूजन की यह उपरोक्त अवधि, जो कि लगभग 2 घंटे 33 मिनट की है, हर प्रकार से उत्तम है।

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भाद्रपद की चतुर्थी को हुआ था श्री गणेश का आविर्भाव

हिंदू पंचाग के अनुसार गणेश चतुर्थी त्यौहार भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इसी तिथि को मध्याह्न में शक्ति-स्वरूपा देवी पार्वती ने दिव्य-स्नान के समय अपनी त्वचा के मैल से एक बालक का स्वरूप गढ़ा और उसमें प्राण आरोपित कर अपने महल की पहरेदारी में नियुक्त कर दिया। बालक की निष्ठा, सजगता और तत्परता इतनी प्रबल थी कि देवाधिदेव शिव भी उसका उल्लंघन नहीं कर पाए और फिर जो हुआ वह तो जग-विदित है।

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गजकेसरी योग में विराजेंगे श्री गणेश

इस साल भगवान श्री गणेश गजकेसरी योग में विराजेंगे, जो छात्रों व बुद्धिजीवियों के साथ-साथ राजनीतिज्ञों के लिए बहुत कल्याणकारी सिद्ध होगा। यह योग कई शुभ संयोग लेकर आ रहा है। सबसे महत्वपूर्ण संयोग तो यह है कि इस दिन से कर्मधिपति शनिदेव की चाल सीधी हो जाएगी। फलतः सभी राशियों पर शनिदेव के प्रकोप का असर धीरे-धीर समाप्त होने लगेगा और जातकों के बिगड़े काम बनने लगेंगे।

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11 दिनों तक मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी
इस वर्ष के गणेशोत्सव की दूसरी विशेष बात यह कि इस बार यह त्यौहार 10 दिन के बजाय 11 दिन तक मनाया जाएगा। यानी मोदकप्रिय गणेश अपने भक्तों के घरों में 11 दिन तक मेहमान बनकर विराजेंगे और अपनी कृपादृष्टि बनाए रखेंगे। यह परिघटना हिन्दू पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि में तिथि-वृद्धि के कारण संभव हुआ है। इस तिथि को एक दिन बढ़ जाने से श्री गणेश का जलविहार अब 12वें दिन यानी 5 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा।

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