
नोएडा। 2019 में आम चुनाव होने है और सत्ता पर दोबारा धमक जमाने के लिए मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है। जहां सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनता तक सरकार की योजनाओं को ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी है वहीं 2014 में सत्ता में आने के बाद से चल रहे निर्माण कार्यों और योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इन योजनाओं में फैक्ट्री, कारखाने समेत कई हाई-वे और एक्सप्रेस-वे भी हैं। वहीं पश्चिमी यूपी में भी 90 किलोमीटर लंबे 14 लेन का देश का पहले एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य चल रहा है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को मई 2019 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सप्रेस-वे काम मार्च तक ही पूरा करने को कहा है।
इस आदेश के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का दूसरा फेज अर्थात यूपी बार्डर से डासना तक के कार्य की रफ्तार बढ़ा दी गई है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरपी सिंह के अनुसार परियोजना का पहला चरण पूरा हो गया है। दूसरा चरण 15 प्रतिशत पूरा है। जबकि तीसरे चरण का 60 प्रतिशत और चौथे चरण का तीन प्रतिशत काम हुआ है। अब इसे दो महीने पहले पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि हाल ही में पीएम मोदी इस आधे-अधूरे एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर देश को समर्पित किया था। वहीं एक्सप्रेस-वे से जुड़े एक अन्य अधिकारी के मुताबिक यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी समय सीमा है। परियोजना के कुछ हिस्सों में धीमी प्रगति हो रही है। हम मार्च 2019 तक इसे खत्म करना चाहते हैं, लेकिन यह असंभव दिखता।
गैरतलब है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के दूसरे पैकेज समेत उत्तर प्रदेश में चल रही एक दर्जन से ज्यादा परियोजनाएं अगले साल मार्च या उससे भी पहले पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें गाजियाबाद-अलीगढ़ (एनएच 91) तथा मुजफ्फरनगर-हरिद्वार (एनएच 58), रायबरेली-इलाहाबाद (एनएच 24बी) तथा मुजफ्फरनगर-हरिद्वार (एनएच 58) परियोजनाएं भी इसी साल दिसंबर तक पूरी हो जाएंगी। इसके अलावा भी कई परिजनाएं है जिसे चुनाव से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
Published on:
16 Jun 2018 03:15 pm
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