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Greater Noida हादसा: बिल्डिंग गिरी तो दादी के सीने से चिपक गई 14 माह की पंखुड़ी पर मौत से बच नहीं पाई

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में मलबे से निकाले जा रहे हैं शव

नोएडाJul 20, 2018 / 11:10 am

sharad asthana

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Greater Noida हादसा: बिल्डिंग गिरी तो दादी के सीने से चिपक गई 14 माह की पंखुड़ी पर मौत से बच नहीं पाई

नोएडा। ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में इमारतों को गिरे हुए 60 घंटे से ज्‍यादा समय हो गए हैं। माना जा रहा है क‍ि अभी बचाव कार्य में दो दिन और लग सकते हैं। मलबे से अब तक नौ शव निकाले जा चुके हैं जबक‍ि कई अभी मलबे में दबे हुए हैं। मलबे से शिव त्रिवेदी और परिवार के तीन सदस्‍यों के भी शव निकाले गए थे। इनमें 14 माह की पंखुड़ी भी थी, जो हादसे के वक्‍त हंस-खेल रही थी। उसके साथ उसकी दादरी, मां और चाचा थे। पंखुड़ी के दादा तो इस दर्द को सह नहीं पा रहे थे और खुद को उनका हत्‍यारा बता रहे थे।
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किचन में मिला प्रियंका का शव

आपको बता दें क‍ि बुधवार रात तक मैनपुरी निवासी सुरेंद्र त्रिवेदी के छोटे बेटे शिव, पत्‍नी राजकुमारी, बड़े बेटे की पत्‍नी प्रियंका और पोती पंखुड़ी के शव निकाले गए थे। मलबे में जिस हालत में उनके शव मिले थे, उससे पता चला कि प्रियंका हादसे के वक्‍त खाना बना रही थीं। उनसे केवल दो गज की दूरी पर 50 साल की महिला के सीने से चिपकी 14 माह की बच्ची का शव मिला। कुछ देर बाद पता लगा कि बच्ची कोई और नहीं बल्कि पंखुड़ी थी। वह दादी के सीने लगी हुई थी। बताया जा रहा है कि हादसे से पहले वह अपनी दादी के साथ कमरे में खेल रही थी। जबक‍ि उसकी मां का शव किचन में मिला।
देखें वीडियो : शाहबेरी गांव में 44 घंटे बाद भी बचाव और राहत का काम जारी

मंगेतर कर रही शमशाद का इंतजार

वहीं, मलबे में से फतेहगढ़ के रहने वाले शमशाद का भी शव मिला है। उसकी बहन शाहीन सूचना मिलते ही शाहबेरी पहुंचीं। शाहीन का कहना था कि अभी हाल ही में मां का इंतकाल हुआ था। अब भाई शमशाद भी चला गया। उनका कहना है कि शमशाद को अपनी मंगेतर को पत्नी बनाने का सपना अधूरा ही रह गया। अब उसकी मंगेतर शमशाद के लौटने का इंतजार कर रही है और रोए जा रही है। अब वह किससे निकाह करेगी? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

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