
नोएडा। शुक्रवार को दुल्हैंडी के दिन रंग खेला जाएगा। पूरा देश होली के रंग में रंगने को तैयार है। ऐसे में रंगों का जमकर इस्तेमाल होगा लेकिन केमिकल रंग आपके त्यौहार का मजा किरकिरा कर सकते हैं। इस तरह के रंग त्वचा और सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। अगर यही रंग हमारे फेफड़ों तक पहुंच जाएं तो इससे सांस संबंधी बीमारी भी हो सकती है। ऐसे में सिंथेटिक रंगों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि उनमें लेड आॅक्साइड, मरकरी सल्फाइड ब्रोमाइड, कॉपर सल्फेट जैसे खतरनाक केमिकल मिले होते हैं, जिनसे एलर्जी, खुजली आदि होती है। कई बार तो इन रंगों के कारण व्यक्ति अंधा तक हो सकता है।
अस्थमा व हार्ट के मरीजों की बढ़ सकती है दिक्कत
मेरठ के त्वचा रोग विशेषज्ञ डाॅ. संजीव शर्मा के अनुसार, होली खेलने में केमिकल युक्त रंग व गुलाल का इस्तेमाल करने से त्वचा व आंखों में एलर्जी की समस्या हो सकती है। त्वचा पर खुजली होने लगती है और दाने पड़ जाते हैं। थोड़ी सी लापरवाही से अस्थमा व हार्ट के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
होली खेलने से बरतें ये सावधानियां
- स्किन पर तेल व क्रीम लगाएं
- पूरी बांह के कपड़े पहनें
- आंखों में रंग पड़ने से बचने के लिए चश्मा लगाएं
- चेहरे पर मास्क व कान में रूई का इस्तेमाल करें
- छोटे बच्चों को पानी में ज्यादा भीगने से बचाएं
- केमिकल युक्त रंगों का इस्तेमाल न करें
ऐसे छुड़ाएं रंग
- बेसन में नींबू व दूध मिलाकर उसका पेस्ट लगभग 15 से 20 मिनट तक त्वचा पर लगाएं और फिर गुनगुने पानी से मुंह-हाथ धो लें
- खीरे के रस में गुलाबजल और एक चम्मच सिरका मिलाकर पेस्ट तैयार करें और चेहरे को इससे साफ करें
- मूली के रस में दूध व बेसन या मैदा मिलाकर पेस्ट बनाएं। उसे चेहरे पर कुछ देर लगाने के बाद चेहरा साफ कर लें
- त्वचा पर ज्यादा गहरा रंग लग गया हो तो दो चम्मच जिंक ऑक्साइड और दो चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर लेप तैयार कर फेस पा लगाएं। अब स्पंज से हल्के हाथों से रगड़कर चेहरा धो लें और 25 मिनट बाद साबुन लगाकर चेहरा धोएं।
- दूध में थोड़ा-सा कच्चा पपीता पीसकर मिलाएं। इसके बाद इसमें थोड़ी-सी मुलतानी मिट्टी व थोड़ा-सा बादाम का तेल मिक्स करें और लगा लें। करीब आधे घंटे बाद चेहरा धो लें।
इस बार 28 साल बाद होली में शनि का दुर्लभ योग बन रहा है
Published on:
01 Mar 2018 10:18 am
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