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Noida में यह अनाउंसमेंट होते ही सड़कों पर रात को दिखे सैकड़ों लोग

Highlights Hapur से स्पेशल ड्यूटी पर आईं 15 बसें बसों में भरकर लोगों को उनके शहरों में भेजा गया Corona को देखते हुए बरती गई लापरवाही

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नोएडा। कोरोना वायरस (Corornavirus) को फैलने से रोकने के लिए जहां देश के कई राज्यों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है, वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 17 जिलों में लॉकडाउन (Lockdown) का ऐलान किया हुआ है। इनमें गौतम बुद्ध नगर (Gautam Budh Nagar) भी शामिल है। ऐसी स्थिति में लोगों को घरों में रहने को कहा गया है। केवल जरूरी परिस्थितियों में ही बहर निकलने की इजाजत दी गई है। इस दौरान पटना और अमरोहा समेत देश के कई जिलों में चौंकाने वाला नजारा दिखा। यहां भीड़ घर जाने के लिए गंभीर लापरवाही करती दिखी। ऐसा ही कुछ नजारा सोमवार की रात को नोएडा (Noida) में देखने को मिला।

सोमवार देर रात का है मामला

एक ट्वीट (Tweet) के अनुसार, सोमवार को जब जिले में लॉकडाउन घोषित था और सभी को घरों में रहने की सलाह दी गई थी तब रात को हापुड़ डिपो से रोडवेज की 15 बसें मंगाई गईं। यह घटना रात 2 बजे के आसपास की बताई जा रही है। इन बसों में सैकड़ों यात्रियों को भरकर यूपी के दूसरे शहर जाने दिया गया। बसों पर स्पेशल ड्यूटी के पर्चे लगे थे।

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बस अड्डे में बदला याकूबपुर

बताया जा रहा है कि इस दौरान सेक्टर—83 के याकूबपुर इलाके को बस अड्डे में तब्दील कर दिया गया। बस ड्राइवर ने बताया कि अचानक उसे उसकी ड्यूटी लगने की जानकारी दी गई थी। इस बीच वहां पर सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों के होने की भी चर्चा है। ट्वीट के मुताबिक, लोगों ने आरोप लगाया है कि रात 10 बजे से गलियों में अनाउंसमेंट किया गया कि कल से सब कुछ बंद हो जाएगा। खाने को कुछ नहीं मिलेगा। आप घर निकल जाइए।

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नोएडा पुलिस ने यह ट्वीट किया

इस पर नोएडा पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी, रोजाना कार्य करने वाले जो कर्मचारी लॉकडाउन के कारण काम नहीं कर पा रहे हैं और अपने गंतव्य स्थान पर जाना चाहते हैं। रात को उनको सुरक्षा के साथ अपने गंतव्य स्थान पर भेजा गया है। यह प्रतिक्रिया भारत के सभी बड़े राज्यों में भी लागू की गई है, जहां बड़ी संख्या में माइग्रेंट वर्कर हैं।

गंभीर लापरवाही बरती

फेज—2 थाना प्रभारी प्रमाद अली पुंडीर का कहना है कि कोई जाना चाहता है तो उसको कैसे रोका जा सकता है। इस बारे में जब डीसीपी सेंट्रल हरीश च्रंद को फोन व मैसेज किया गया लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला। भले ही ऐसा मजूदरों या कर्मचारियों को उनके घर भेजने के लिए किया गया हो लेकिन क्या यह दूसरों के लिए खतरा नहीं है। बिना चेकअप कराए इस तरह से सैकड़ों लोगों को एक ही बस में भरकर सोशल डिस्टेंशिग की सलाह को पुलिस भी भूल गई।