बता दें कि साल 20-21 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेरिटेज बनाने की घोषणा की थी। जानकारी के अनुसार इसे डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलेगा। यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति और उसकी विरासत से रूबरू होने का भी पूरा मौका मिलेगा। इतना ही नहीं, इच्छुक छात्र यहां भारत की प्राचीन ऐतिहासिक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, शोध, पढ़ाई और दूसरे बिंदुओं पर भी काम करेंगे। इसमें स्नातक से लेकर पीएचडी तक के कोर्स कराए जाएंगे।
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केंद्रीय मंत्री जी किश्न रेड्डी का कहा है कि यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने में बहुत ही मददगार साबित होगी। इसके बनने से संस्कृति के बारे में उच्च शिक्षा को बल मिलेगा। इसके अलावा इसमें होने वाले शोध के जरिए दुनिया भर के लोगों को इससे जोड़ा जा सकेगा। यहां छात्रों को हिस्ट्री ऑफ आर्ट्स, संरक्षण, म्यूजियम विज्ञान, पुरातत्व शास्त्र, अभिलेख-मुद्रा शास्त्र, पांडुलिपि विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों का विशेष अध्ययन कराया जाएगा। छात्रों के अलावा संस्कृति मंत्रालय के अधीनस्थ इन विषयों के विभागों में कार्यरत सभी कर्मचारियों को भी इस संस्थान से जोड़ा जाएगा।जिससे कि वह यहां प्रशिक्षण ले सकें। वह यहां अध्ययनरत छात्रों के साथ मिलकर शोध में भी मदद कर सकेंगे। यह भी पढ़ें