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यमुना एक्सप्रेस-वे के करीब की जमीन बेचने की तैयारी में Jaypee ग्रुप, SC से लगाई गुहार

जेपी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से यमुना एक्सप्रेस-वे के आस पास की जमीन को बेचने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होनी है।

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नोएडा

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Rajkumar Pal

Oct 13, 2017

jaypee group

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 160 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए नियमों के अनुसार जेपी ग्रुप को पांच शहरों में पांच-पांच सौ हेक्टेयर जमीन दी गई थी। अब इस जमीन को जेपी दूसरी कंपनी को बेचकर दीवालिया से बचना चाहता है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस जमीन का अधिकारी दूसरी कंपनी को मिल जाएगा। जेपी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से यमुना एक्सप्रेस-वे के आस पास की जमीन को बेचने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होनी है।

बीएसपी सरकार में ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 160 मीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के लिए जेपी को जमीन दी थी। यह जमीन अलग-अलग 5 टाउनशिप बसाने के लिए दी गई थी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर, टप्पल और आगरा में 500-500 एकड़ जमीन जेपी ग्रुप को सौंपी गई। जेपी ग्रुप ने कई आवासीय सोसाइटी निकाली थी। लेकिन उन्हें फ्लैट और भूंखड नहीं दिए गए। जिसके चलते अथॉरिटी ने बोर्ड मीटिंग में जेपी ग्रुप की जमीन बेचकर आवंटियों के पैसा लौटाने की कार्रवाई की जा चुकी है। साथ ही जेपी ग्रुप का दिवालिया घोषित किया चुका है।

फाईनेशियल दिक्कतों से जुझ रहे जेपी ग्रुप अब इस जमीन को बेचना चाहता है। दरअसल में हजारों करोड़ों रुपये का जेपी ग्रुप कर्जदार है। इसमें यमुना अथॉरिटी, बायर्स आदि के रुपये शामिल हैं। जेपी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि यमुना एक्सप्रेस वे के आसपास की जमीन को दूसरी कंपनी को बेचना चाहती है। यह जमीन करीब 25 हजार करोड़ में बेची जानी है। पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए 20 हजार करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश दे चुका है।

बता दें कि कभी नोएडा में जेपी ग्रुप का खूब दबदबा था। दबदबे के चलते जेपी को यमुना एक्सप्रेस-वे के आस पास जमीन अलॉट की गई थी। यमुना एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कराने की मंशा थी, लेकिन उस दौरान विधानसभा चुनाव के बाद में समाजवादी पार्टी की सरकार आ गई। तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने लखनऊ से यमुना एक्सप्रेस-वे का लोर्कापण किया था। कभी यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए मिली जमीन को आज जेपी को दूसरी कंपनी को देनी पड़ रही है।