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घर नहीं मिलने से बायर्स का टूटा सब्र, सांकेतिक अर्थी निकालकर किया प्रदर्शन

प्रदर्शन स्थल पर भाजपा के आर्थिक विंग के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल मिलने पहुंचे।

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लोगों ने निकाली सांके अर्थी तो पहुंच गए भाजपा नेता, फिर दिखा ऐसा नजारा

नोएडा। सब का सपना होता है कि घर अपना हो, लेकिन जब सपनों का सौदागर ही सपनों में सेंधमारी करने लगे तो गुहार किससे करें। ऐसी ही कुछ हालत नोएडा और ग्रेटर नोएडा अपना आशियाना का सपना देखने वाले खरीदारों की हो रही है। पूरे पैसे चुकाने के पांच वर्ष बाद भी अशियाने नहीं मिल पाने के कारण लॉजिक्स ब्लोसम जेस्ट और ब्लोसम ग्रीन परियोजना के खरीदारों ने सेक्टर-143 स्थित साइट पर सांकेतिक अर्थी रखकर प्रदर्शन किया। जिस पर लॉजिक्स, नोएडा प्राधिकरण और रेरा का नाम लिखा है।

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प्रदर्शन कर रहे खरीदारों का कहना है कि दिसंबर 2012 तक फ्लैट मिल जाने चाहिए थे, लेकिन अभी काफी काम बचा है। इन परियोजनाओं में करीब 4440 फ्लैट हैं। वहीं लॉजिस्ट जेस्ट में 2 हजार में किसी को भी कब्जा नहीं दिया गया है, जबकि ब्लॉसम परियोजना में करीब 900 लोगों को फ्लैट दे दिए गए हैं। फ्लैट खरीदारों का कहना है कि ब्लॉसम में करीब 40 प्रतिशत काम बचा है जबकि जेस्ट में 50 प्रतिशत से अधिक काम बचा हुआ है। बिल्डर का मॉल व अन्य कामकाज काफी अच्छे बिजनेस के साथ चल रहे हैं जबकि उनकी परियोजनाओं में खरीदारों को फ्लैट पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं।

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इस दौरान प्रदर्शन स्थल पर भाजपा के आर्थिक विंग के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल मिलने पहुंचे। उन्होंने खरीदारों को जल्द फ्लैट दिलवाने का आश्वासन दिया। उनके सामने खरीदारों ने चार मांगें रखीं। पहली, चार लोगों के एक कमेटी बनाई जाए जो परियोजनाओं के काम की मॉनीटीरिंग करें। इसमें खरीदार, बिल्डर, प्राधिकरण और रेरा का एक-एक सदस्य शामिल हो। दूसरा, परियोजनाओं का एस्क्रो एकाउंट खोला जाए। तीसरा, बिल्डर के खिलाफ एफआईआर हो और रेरा में पंजीकरण में गड़बड़ी करने पर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।