
नोएडा। मुजफ्फरनगर में हाईवे चौड़ा करने के लिए सहमति के बाद मस्जिद तोड़ी गई थी। कुछ इसी तरह की पहल मेरठ में भी यह पहल की गई है। वहां गांव खड़ौली स्थित मस्जिद और गांव डाबका स्थित बौद्ध मंदिर को हटाने के लिए सहमति बन गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इन दोनों जगहों का मुआवजा भी तय कर दिया है।
काफी समय से चल रहा है काम
दरअसल, नेशनल हाईवे-58 के चौड़ीकरण का काम काफी समय से चल रहा था। गांव खड़ौली स्थित मस्जिद और गांव डाबका स्थित बुद्ध मंदिर रास्ते में आने के कारण काम पर ब्रेक लग गया था। इसको लेकर कई केंद्र सरकार भी नाराजगी जता चुकी है। इतना ही नहीं मेरठ दौर पर आए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी इसको लेकर प्रशासन पर सख्त हुए थे। उन्होंने जल्द से जल्द इन बाधाओं को दूर करने लिए कहा था।
खुद ही हटाने पर हुए राजी
सड़क चौड़ीकरण के लिए मस्जिद हटाने की तर्ज पर मेरठ में भी सकारात्मक पहल की गई। मेरठ-मुजफ्फरनगर नेशनल हाईवे संख्या-58 के चौड़ीकरण की बड़ी बाधा मंगलवार को आपसी सहमति से दूर हो गई। घंटों चली बैठक के बाद गांव खड़ौली स्थित मस्जिद और गांव डाबका स्थित बौद्ध मंदिर को हटाने के लिए प्रबंधक सहमत हो गए। धार्मिक स्थलों की देखरेख करने वालों ने खुद ही इसे हटाने पर सहमति जता दी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने भी दोनों स्थलों का मुआवजा निर्धारित कर दिया है। इसके बाद कई बार प्रशासन अौर एनएचएआई की इन धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों से बात हो चुकी है। दरअसल, ये धार्मिक स्थल सरकारी जमीन पर बने हुए हैं। अब इनके लिए मुआवजा भी दिया जाएगा। मंगलवार को बैठक के बाद मस्जिद और बौद्ध मंदिर के प्रबंधक इनको खुद ही हटाने के लिए राजी हो गए। वहीं, इनके हटने से अब मेरठ-मुजफ्फरनगर हाईवे चौड़ा हो जाएगा, जिससे दिल्ली से हरिद्वार जाने वाले लोगों को जाम से निजात मिलेगी।
मुआवजे का हुआ निर्धारण
इस मामले में खड़ौली मस्जिद के व्यवस्थापक हाजी इरफान का कहना है कि प्रशासन से वार्ता के बाद आपसी सहमति से मस्जिद को हटाने पर वे राजी हो गए हैं। वहीं, कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार का कहना है कि अब मुआवजा निर्धारण होने और आपसी सहमति से इनको हटाने पर सहमति बन गई है।
Published on:
21 Mar 2018 02:44 pm
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