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बाल सुधारगृह में सुबह उठते ही बच्चों की डंडों से करता था पिटाई, सरकार ने किया सस्पैंड

बाल सुधारगृह के केयर टेकर प्रकाश चन्द पर आरोप लगे हैं कि वह यहां रह रहे किशोरियों व किशोरों से जबरदस्ती बाथरूम की सफाई, खाना बनाना आदि काम कराता था।

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नोएडा। 18 साल से कम उम्र में आपराधिक गतिविधियों को अंजान देने वाले बच्चों को सुधारने के लिए देशभर में बाल सुधारगृह बनाए गए हैं। लेकिन अगर इनमें भी बच्चों के साथ जेल जैसा व्यवहार होने लगे तो दोनों में फर्क ही क्या रह जाएगा। ऐसा ही एक मामला जनपद का आया है। जहां शासन ने बाल सुधारगृह के केयर टेकर को बच्चों के साथ मारपीट व दुर्रव्यवहार करने के लिए संस्पैंड कर दिया है।

बच्चों से जबरदस्ती कराता था काम

दरअसल, शासन ने फेज-2 स्थित राजकीय बाल सुधारगृह में किशोरों व किशोरियों के साथ मारपीट व उत्पीड़न करने के लिए केयर टेकर को निलंबित कर दिया है। बाल सुधारगृह के केयर टेकर प्रकाश चन्द पर आरोप लगे हैं कि वह यहां रह रहे किशोरियों व किशोरों से जबरदस्ती बाथरूम की सफाई, खाना बनाना आदि काम कराता था। मना करने पर इनके साथ मारपीट करता था और किशोर न्याय नियमावली 2007 के तहत मेन्यू के हिसाब से खाना भी नहीं देता था।

बात-बात पर करता था मारपीट

साथ ही रोज सुबह बच्चों के डंडा मारकर उठाने व बात-बात पर पिटाई किया करता था। किशोरियों को 300-300 उठक बैठक की सजा भी दिया करता था और परीजनों ने मिलाई के नाम पर 200 रुपये वसूलता था। जिसके चलते उसे निलंबित कर दिया गया है और इस मामले की जांच बरेली के जिला परिवीक्षा अधिकारी को सौंपी गई है।

शासन के निर्दश पर हुआ सस्पैंड

जिलाधिकारी ब्रजेश नारायण सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बाल सुधारगृह के केयर टेकर प्रकाश चंद को उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा अपने कार्यों में विभिन्न प्रकार की शिथिलता करने पर तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

रिहा हुए किशोर ने किया था खुलासा

बता दें कि हाल ही में यहां से रिहा होने वाले 16 साल के एक किशोर चौंकाने वाली बात अपने परीजनों को बताई थी कि यहां रहने वाले किशोरों व किशोरियों के साथ मारपीट व मिलाई के लिए पैसे मांगे जाते हैं। जिसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर जांच के लिए एक टीम भेजने का फैसला किया था।