
नोएडा।अक्सर आप मोबाइल, लैपटाॅप चोरी आैर लूट वारदात होने आैर खबर सुनते ही हर किसी के दिमाग में एक सवाल उठता है कि यह सब जाते कहा है। अगर आपके दिमाग में भी यह सवाल उठता है। ताे हम आप को बताते है कि हर दिन लूट रहे मोबाइल, लैपटाॅप आैर चोरी के मोबाइलों का यह नंबर बदलकर लूटेरे कुछ ही देर में बदल देते है। इतना ही नहीं वह इन मोबाइलों को मिनटों में ही लोगों को बेच देते है। एेसे ही एक गिरोह के दो बदमाशों को नोएडा पुलिस ने दबोच है। पुलिस ने बदमाशों के पास से लूट के 14 मोबाइल, तीन लैपटाॅप बरामद किये है।इतना ही नहीं बदमाशों ने बताया कि वह सौ से ज्यादा लूट के मोबाइलों का यह नंबर बदलकर बेच चुके है।
मिनटों में कर देते है मोबाइल के साथ यह खेल
पुलिस जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय से बढ़ रही मोबाइल लूट आैर चाेरी की वारदातों को देखते हुए जांच कर रही पुलिस ने शनिवार रात दो बदमाशों को दबोच लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान हापुड़ निवासी ललित व मामूरा निवासी प्रवीण के रूप में हुर्इ है। वहीं पुलिस के आरोपियों के दो फरार साथियों का पता लगाने में जुटी है। वहीं बदमाशों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि हापुड़ निवासी ललित मोबाइल लूट आैर चोरी की वारदात को अंजाम देता था। इसके बाद वह मोबाइल मामूरा में रहने वाले प्रवीण व उसके साथियों को देता था। जो मिनटों में मोबाइल का आर्इएमर्इआर्इ नंबर बदलकर उसे बेच देते थे। आरोपी अब तक सौ से भी ज्यादा मोबाइल बेच चुके है।
एेसे बदल देते थे मोबाइल का नंबर
बदमाश लूट आैर चोरी के मोबाइलों काे आर्इएमर्इआर्इ नंबर एक साॅफ्टवेयर की मदद से बदलते थे। उन्होंने बताया कि यह काम उन्होंने किसी साॅफ्टवेयर इंजीनियर से सीखा था। इसके बाद अपने ही लैपटाॅप में यह साॅफ्टवेयर अपलोड कर आर्इएमर्इआर्इ नंबर को बदलना सीख लिया। इस नंबर के बदलने के बाद से पुलिस आैर साइबर उपकरणों द्घारा से मोबाइल को ट्रेक नहीं किया जा सकता है। यहीं कारण है कि कोर्इ भी शख्स इसे आसानी से ले लेता है।
Published on:
16 Apr 2018 01:51 pm
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