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सुप्रीम कोर्ट ने 20 मिनट के सफर में दो घंटे लगने पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस

Highlights - महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासनिक ढांचे पर उठाए सवाल - महिला ने याचिका में कहा- नोएडा से दिल्ली का सफर बुरे सपने के समान - सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं सुधर रहे हालात

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नोएडा

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lokesh verma

Mar 31, 2021

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नोएडा. आजकल नोएडा से दिल्ली का सफर करना बेहद परेशानियों भरा हो गया है। 20 मिनट के सफर के लिए घंटों का समय यूं ही बर्बाद हो जाता है। इसी को लेकर नोएडा की रहने वाली एक महिला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त से जवाब तलब किया है। जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुनिश्चित होना चाहिए कि सड़क पर अवरोध न रहे और लोगों को आने-जाने में कोई असुविधा न हो। अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 9 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा।

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दरअसल, नोएडा निवासी मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। नोएडा से दिल्ली जाना अब बुरे सपने के समान है। माेनिका ने जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पेश होते हुए कहा कि वह मार्केटिंग की जॉब करती हैं और नोएडा में रहती हैं। नौकरी के चलते उन्हें अक्सर दिल्ली आना-जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने कई बार आदेश दिए हैं कि लोगों के आवागमन के लिए सड़कें खाली होनी चाहिएं, लेकिन इसके बावजूद स्थिति खराब है। उन्होंने बताया कि वह सिंगल पैरेंट हैं और उन्हें कुछ चिकित्सकीय समस्या भी है। उन्होंने कहा कि नोएडा से दिल्ली तक जाना बुरे सपने के समान है। 20 मिनट के स्थान पर 2 घंटे लग जाते हैं।

पीठ ने मोनिका की याचिका की जांच के बाद केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी किए हैं। पीठ ने कहा है कि हमें इस मामले पर विचार करना होगा और प्रतिवादियों को नोटिस जारी करना होगा। पीठ ने कहा कि अब यह सुनिश्चित करना होगा कि सड़कें साफ रहें, ताकि किसी को आवागमन में परेशानी न हो। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के आरोप सही हैं तो यह प्रशासनिक विफलता है।

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