
Poor will not get connection in Prime Minister Ujjwala, know why
नोएडा. अब से कुछ साल पहले तक भारत में लोग चूल्हे पर गोबर से बने उपले, लकड़ी या फिर खर-पतवारों को जलाकर खाना बनाते थे। इससे बड़ी संख्या में वातावरण में प्रदूषण फैसला था, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर फैलता था। लिहाजा, इससे बचने के लिए घरों में एलपीजी गैस सिलेंडर की सप्लाई शुरू हुई, जो इस वक्त भारत के गांव-गांव तक पहुंचाई जा रही है। इस काम को कई सरकारी और निजी कंपनी गैस की सप्लाई कर रही है। लेकिन गैस सिलेंडर में सबसे खास बात ये है कि सभी कंपनियों के गैस सिलेंडर लाल रंग का ही होता है। क्या आप जानते हैं कि LPG गैस सिलेंडर का रंग लाल क्यों होता है।
दरअसल, जैसा कि हम जानते हैं कि लाल रंग खतरे का प्रतीक माना जाता है, चूंकि एलपीजी एक ज्वलनशील गैस है। इस तरफ इसके सही इस्तेमाल से हम बिना किसी प्रदूषण के खाना पका पाते हैं। लेकिन घर में रखे गैस सिलेंडर के साथ किसी तरह की लापरवाही बड़ी समस्या को दावत दे सकती है। इसलिए इसमें लाल रंग का प्रयोग किया जाता है। यानी लाल रंग लोगों को यह संकेत देता है कि इसके इस्तेमाल में लापरवाही से बचना चाहिए।
दरअसल, सभी तरह के गैस के सिलेडर का रंग अलग-अलग होता है। ताकि बाहर से देख कर ही यह पता लगाया जा सके कि इस सिलेंडर में कौन सा गैस है। जौसे ऑक्सीजन के सिलेंडर को सफेद रंग से, नाइट्रस ऑक्साइड के सिलेंडर को को नीले रंग से, जिसमें जहरीली गैस होती है, उन्हें पीले से, कार्बन-डाई-ऑक्साइड गैस वाले सिलेंडर को ग्रे रंग से, नाइट्रोजन गैस वाले सिलेंडर को काले रंग से और हीलियम गैस के सिलेंडर को भूरे रंग में रंगा जाता है।
इनकी पहचान के लिए इन्हें इन रंगों से रंगा जाता है। किसी सिंलेडर में गैस की पहचान के लिए ऐसा किया जाता है।अकसर प्रतियोगी परीक्षाओं में इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन पर्याप्त जानकारी के अभाव में बहुत से परीक्षार्थी इनका जवाब दे पाने में असमर्थ रहते हैं इसीलिए इन छोटी-मोटी और महत्वपूर्ण बातों की जानकारी अवश्य ही होनी चाहिए।
Published on:
07 Oct 2019 03:12 pm
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