
नोएडा।बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत बिजली विभाग ने दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। विभाग के अफसरों ने बॉटेलिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन परिसर में बनी दुकानों को चोरी से बिजली देने के मामले में डीएमआरसी के जीएम समेत चार लोगों के खिलाफ थाना सेक्टर-39 में एफआईआर दर्ज कराई है। इतना ही नहीं, विभाग ने बिजली चोरी पर 10 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है। विभाग के अफसरों का कहना है कि जुर्माने की रकम की शीघ्र वसूली न होने पर रिकवरी के लिए डीएम से अनुरोध किया जाएगा।
मेट्रो स्टेशन पर चेकिंग के दौरान सामने आर्इ चोरी
बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत बिजली विभाग बीते दिनों पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अवर अभियंता वीके गंगल, अजय कुमार, एसएसए काजमी, राममूरत वर्मा, पंकज शर्मा, मुकेश कुमार, धर्मेंद्र सिंह और अहमद मुस्तफा सेक्टर-38ए स्थित बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर चेकिंग के लिए गए। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि डीएमआरसी को दिए गए बिजली कनेक्शन से मेट्रो स्टेशन परिसर में बनी 11 काॅमर्शियल दुकानों को चोरी से 515 केवीए बिजली दी जा रही है। जांच में यह भी पता चला कि विद्युत चोरी के प्रकरण में डीएमआरसी के जनरल मैनेजर विवेक अग्रवाल, सहायक सेक्शन इंजीनियर संदीप की मिलीभगत से मेसर्स आर. क्यूब प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अवैध रूप से 11 व्यावसायिक दुकानों को चोरी से बिजली देकर बिजली विभाग को भारी राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। इसके लिए डीएमआरसी के जीएम विवेक अग्रवाल, सहायक सेक्शन इंजीनियर संदीप, मेसर्स आर. क्यूब प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के सहायक महाप्रबंधक मार्केटिंग सुरजीत कुमार दास और सुपरवाइजर महिपाल सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। जिनके खिलाफ थाना सेक्टर-39 में एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआर्इआर के साथ मांगा करोड़ों रुपये का बकाया
अधिशासी अभियंता अजय कुमार ने बताया कि डीएमआरसी पर 10 करोड़ 12 लाख 91 हजार 245 रुपये दंड का नोटिस भेजा गया है। इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है। उन्होंने बताया कि डीएमआरसी को 01 सितंबर-2009 को कनेक्शन दिया गया था। तभी से डीएमआरसी से इलेक्ट्रिसिटी सरचार्ज की वसूली नहीं हो पा रही है। इससे मुक्ति के लिए डीएमआरसी ने कई फोरम पर अपनी बात रखी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने बताया कि डीएमआरसी एक ओर इलेक्ट्रिसिटी सरचार्ज से मुक्ति पाने की कोशिश में लगी है, दूसरी ओर परिसर में बनी 11 दुकानों से खुद सरचार्ज वसूल रही है। यह गंभीर मामला है। अधिशासी अभियंता अजय कुमार ने बताया कि यदि 15 दिनों में जुर्माने की रकम जमा नहीं की गई तो जिलाधिकारी के माध्यम से रिकवरी भी जारी की जाएगी।
Published on:
11 May 2018 06:41 pm
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